विदर्भ में सियासी जमीन तलाश रही एमएनएस- ठाकरे का दौरा जल्द

विदर्भ में सियासी जमीन तलाश रही एमएनएस- ठाकरे का दौरा जल्द

Tejinder Singh
Update: 2018-10-10 12:22 GMT
विदर्भ में सियासी जमीन तलाश रही एमएनएस- ठाकरे का दौरा जल्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे विदर्भ में सियासी जमीन तलाशने में जुटे हैं, इसके लिए वे विदर्भ दौरे पर रहेंगे। पश्चिम विदर्भ में करीब 9 दिनों तक रहेंगे। इस दौरान पर्यटन क्षेत्र में भी समय बिताएंगे। दीपावली पूर्व विदर्भ का दौरा आरंभ करेंगे। आपको बता दें कि विदर्भ में मनसे की संगठनात्मक स्थिति मजबूत नहीं है। ठाकरे संगठन को मजबूत करने के साथ ही चुनावी राजनीति पर फोकस करेंगे, इसके लिए वे युवा शक्ति को पार्टी से जोड़ेंगे। मनसे के विदर्भ प्रमुख हेमंत गडकरी के मुताबिक चुनावी तैयारी के मद्देनजर पार्टी प्रमुख का दौरा महत्वपूर्ण है। एक मई यानी महाराष्ट्र दिन से ठाकरे प्रदेश दौरे पर निकले हैं। उन्होंने अपना दौरा नए जिले पालघर से दौरा शुरु किया था। 

कोंकण, उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के बाद वे विदर्भ दौरे पर आ रहे हैं।  वे 17 अक्टूबर को ट्रेन से अमरावती पहुंचेंगे। अंबा फेस्टिवल में शामिल होंगे। इसके बाद चिखलधरा, काेलकास पर्यटन क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। बुलढाणा में लोणार सरोवर भी जाएंगे। पश्चिम विदर्भ के यवतमाल, वाशिम, अकोला सहित बुलढाणा का दौरा करेंगे। पहले चरण में 17 से 25 अक्टूबर तक दौरा निर्धारित किया जा रहा है। दूसरे चरण में नागपुर , भंडारा, वर्धा, चंद्रपुर, गोंदिया भंडारा और गडचिरोली जाएंगे 

राज ठाकरे कलाप्रेमी भी हैं। वे विदर्भ के पर्यटन क्षेत्र में आते रहे हैैं। मार्च 2013 में विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत वे पूर्व विदर्भ के दौरे पर आए थे। 4 दिन के दौरेे में उन्होंने चंद्रपुर, गडचिरोली व वर्धा जिले में कार्यकर्ताआें से संपर्क किया था। उस दौरे में राज ठाकरे के साथ उनकी पत्नी शर्मिला व पुत्र अमित भी था। अचानक तबियत खराब होने से उन्हें लौटना पड़ा। ठाकरे ने विदर्भ में बाघ संरक्षण की सराहना की है। उन्होंने कहा था कि बाघ को बचाना सबकी जिम्मेदारी है। बाघ का शिकार करनेवाले शिकारियों को जो अधिकारी गोली मारेगा उसे मनसे की ओर से 5 लाख रुपए का इनाम देने की बात भी कही थी।

राज ठाकरे ने विदर्भ का पिछड़ापन दूर करने के लिए विशेष योजनाओं को अमल में लाने का आव्हान किया था। विदर्भ राज्य की मांग को लेकर उन्होंने अध्ययन करने के लिए कहा था। विदर्भ के कृषि विशेषज्ञों के अलावा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। लेकिन बाद में ठाकरे का विदर्भ दौरा नहीं हो पाया। विदर्भ और नागपुर में मनसे के कुछ नगरसेवक भी हुए, लेकिन 2014 के चुनाव में मनसे का ऐसे सफाया हुआ कि पार्टी की संगठनात्मक स्थिति ही कमजाेर हो गई। 

 

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