इस थाने में दर्ज नहीं होती मोबाइल चोरी की FIR, जानिए क्या है कारण
इस थाने में दर्ज नहीं होती मोबाइल चोरी की FIR, जानिए क्या है कारण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यदि आपका कीमती मोबाइल चोरी हो जाए और आप यह अपेक्षा करें कि नागपुर पुलिस चोरी हुए मोबाइल का पता लगाकर आरोपी को गिरफ्तार करेगी तथा मोबाइल आपको वापस प्राप्त हो जाएगा तो आप भ्रम पाल रहे हैं। क्योंकि इसकी गवाही खुद आंकड़े दे रहे हैं। पिछले लगभग दो वर्षों में शहर में हजारों मोबाइल चोरी हुए हैं। चोरी हुए मोबाइल का पता लगानेे में पुलिस विभाग को सफलता नहीं मिल रही। अब तक साइबर सेल गुम हुए 206 मोबाइल ही ढूंढ पाई है। शहर के पुलिस थानों में मोबाइल चोरी की FIR करने पहुंचने वाले शिकायतकर्ताओं की अनसुनी कर पुलिस विभाग मोबाइल गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर रहा है। मोबाइल गुमशुदगी और चोरी की FIR दर्ज करने में बारीक अंतर है।
मोबाइल चोरी के मामले में पुलिस विभाग को तकरीबन 20 पन्नों की शिकायत प्रक्रिया पूर्ण कर FIR दर्ज करनी पड़ती है। जबकि गुमशुदगी की शिकायत के लिए शहर के पुलिस थानों में शिकायत का मजमून पहले से ही तैयार करके रखा गया है। शिकायतकर्ता व चोरी हुए मोबाइल की कुछ जानकारियां दर्ज कर यह शिकायत पंजीबद्ध की जा रही हैं। शिकायतकर्ता यदि मोबाइल चोरी की प्राथमिकी दर्ज करना चाहता है तो पुलिसकर्मी टालमटोल करने लगते हैं। वे कहते हैं कि हम कोशिश करते हैं। मिल गया तो आपका मोबाइल आपको दे दिया जाएगा लेकिन संभावना कम ही है। ऐसे में परेशान व्यक्ति शिकायत की खानापूर्ति कर पुलिस थानों से लौट जाता है। कुछ लोग तो चोरी हुए मोबाइल की शिकायत करने के बाद यह जानने का भी प्रयास नहीं करते कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई भी हुई कि नहीं जबकि कुछ लोग अपना महंगा मोबाइल वापस प्राप्त करने की आस में पुलिस थाने के चक्कर काट-काटकर थक जाते हैं। अंतत: वे भी मान लेते हैं कि मोबाइल अब वापस नहीं मिलेगा।
बिहार भेजे जा रहे चोरी के मोबाइल
साइबर सेल पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपराजधानी में मोबाइल चोरों का एक गिरोह सक्रिय है जिसके तार बिहार व उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं। इस गिरोह के सदस्यों के हाथ लगा मोबाइल उत्तर प्रदेश अथवा बिहार में मौजूद आरोपियों के पास तत्काल ही भेज दिया जाता है। इन आरोपियों तक पहुंच पाना पुलिस विभाग के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। दूसरे राज्यों में पहुंचकर आरोपियों को ढूंढ निकालने में पुलिस विभाग को सफलता कम ही मिलती है जिसके कारण मोबाइल चोरी के अधिकांश मामले अनसुलझे रह जाते हैं। - प्रवीण वासुदेव (परिवर्तित नाम)
मोबाइल गुम होने पर FIR दर्ज नहीं होती
सीताबर्डी पुलिस थाने में अब तक केवल 15 मोबाइल चोरी की वारदातें दर्ज हुई हैं। यदि शिकायतकर्ता कहता है कि उसकी जेब से अथवा उसके पास से किसी ने मोबाइल चुरा लिया तो हम चोरी की शिकायत दर्ज करते हैं। मोबाइल कहीं गिर जाने अथवा गुम होना कहने पर FIR दर्ज नहीं की जाती। चोरी की शिकायत दर्ज करने के लिए 2 पन्नों की FIR होती है इसके साथ ही तकरीबन 20 पन्नों का मसौदा तैयार किया जाता है। इसमें स्पॉट वेरिफिकेशन, घटनास्थल का पंचनामा,गवाहों के बयान, माेबाइल का लोकेशन, मोबाइल का बिल, आईएमईआई नंबर आदि का जिक्र होता है। मोबाइल गुम होने पर केवल एक पन्ने में उपलब्ध मसौदे में जानकारी दर्ज कर शिकायत ले ली जाती है। कभी-कभी अन्य सामान के साथ मोबाइल भी चोरी हो जाता है। ऐसे मामलों में चोरी का मामला दर्ज किया जाता है। -हेमंत कुमार खराबे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, सीताबर्डी पुलिस स्टेशन