आकस्मिक रेल हादसे से निपटने के लिए मॉक ड्रिल, मिनट-टू-मिनट का रखा रिकॉर्ड
आकस्मिक रेल हादसे से निपटने के लिए मॉक ड्रिल, मिनट-टू-मिनट का रखा रिकॉर्ड
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी भी आकस्मिक हादसा से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह मुश्तैद है या नहीं यह जानने के लिए रेल विभाग ने बीती रात माक ड्रिल की संजीदा कवायत की। राहत वाली खबर यह थी कि इस कवायत में आपदा प्रबंधन टीम पूरी खरी उतरी। पश्चिम मध्य रेलवे के गोसलपुर स्टेशन पर रात करीब 2: 50 पर जबलपुर से कटनी के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन रेल फ्रेक्चर के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन की 3 बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और एक के ऊपर एक चढ़ गई हादसे की खबर मिलते ही जबलपुर से राहत ट्रेन रवाना की गई तथा NDRF की टीम भी जोकि इत्तेफाक से सिहोरा में थी, उसे गोसलपुर भेजा गया। घटनास्थल पर जब राहत टीम पहुंची तो उन्हें पता लगा कि यह मॉक ड्रिल थी।
जबलपुर मंडल में पहली बार इस तरह का सजीव मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया गया। डीआरएम मनोज सिंह ने बताया कि जबलपुर में पहली बार इस तरह की मॉक ड्रिल की गई जिसमें NDRF की टीम को भी बुलाया गया। घटनास्थल पर बकायदा दुर्घटनाग्रस्त भोगियों के अंदर से घायल यात्रियों को निकाला गया। इस दौरान यह भी देखा गया कि कितनी देर में घायलों को राहत मिल सकती है। यहां पर 108 एंबुलेंस घटना की सूचना मिलते ही 7 मिनट के अंदर पहुंच गई थी। घटनास्थल पर ड्रोन कैमरे से बकायदा निगरानी रखी जा रही थी तथा मॉक ड्रिल की वीडियोग्राफी भी की गई।
NDRF के निरीक्षक सुखचैन झरिया के अनुसार उनकी टीम के 35 सदस्य 10 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंच गए थे। तथा 30 मिनट में उन्होंने अपना अभियान पूरा कर लिया था। इससे पहले इस तरह की जीवंत मॉक ड्रिल का प्रदर्शन शहडोल एवं भोपाल में भी हो चुका है। डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत इस मॉक ड्रिल की वीडियोग्राफी कराई गई है, ताकि उसे ट्रेनिंग के तौर पर रेल कर्मचारियों एवं अधिकारियों को दिखाया जा सके।