यहां मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर हर साल होता है कन्याभोज

यहां मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर हर साल होता है कन्याभोज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-31 18:46 GMT
यहां मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर हर साल होता है कन्याभोज

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। यूं तो मोहम्मद रफी की आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में हैं। मगर एमपी के छिंदवाड़ा में एक ऐसे भी शख्स हैं, जो हर साल मो. रफी की पुण्यतिथि पर स्वंय उपवास रखते हैं और शहर में कन्याभोज करवाते हैं। मो.रफी के सुमधुर तरानों के इस दीवाने का नाम अनिल मोखलगाय है, जो बड़वन के रहने वाले हैं।

अनिल का मो.रफी के लिए उपवास करना और कन्याभोज कराना बीते 25 सालों से लगातार जारी है। 31 जुलाई को मो.रफी की पुण्यतिथि को अनिल मोखलगाय अपने एक अलग ही अंदाज में मनाते है। तुमने मुझे देखा खो कर, मेहरबाँ, लुट गई ये जमीं थम गया आसमां... जैसे 19 हजार गीतों को अपने स्वरों में ढालने वाले मशहूर गायक मो. रफी  31 जुलाई को पुण्यतिथि पर हर साल यहां याद किए जाते हैं।

अनिल ने प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी सोमवार 31 जुलाई को उपवास कर मो. रफी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद बालिकाओं को कन्या भोज कराकर अपना व्रत पूरा किया। रफी के गीतों के दीवाने अनिल के पास उनके सभी गीतों का कलेक्शन है। अनिल के मुताबिक सिर्फ हिंदी नहीं रफी साहब ने पंजाबी, उर्दू और मराठी में भी गीत गाए हैं। वे हर दिन उनके गीत न सिर्फ सुनते हैं बल्कि गुनगुनाते भी हैं।

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