छगन भुजबल के भतीजे समीर की जमानत का विरोध कर रही ईडी

छगन भुजबल के भतीजे समीर की जमानत का विरोध कर रही ईडी

Tejinder Singh
Update: 2018-05-24 15:01 GMT
छगन भुजबल के भतीजे समीर की जमानत का विरोध कर रही ईडी

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बांबे हाईकोर्ट में  राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम छगन भुजबल के भतीजे समीर की जमानत का विरोध किया है। ED ने मनी लांडरिंग के मामले में समीर को दो साल पहले गिरफ्तार किया था। तब से समीर जेल में है। पिछेल दिनों हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सदन घोटाले व मनी लांडरिंग के मामले में आरोपी छगन भुजबल को जमानत प्रदान की थी। समीर ने अपनी जमानत के लिए चाचा की जमानत  से जुड़े फैसले को आधार बनाया है। इसके साथ ही कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मनी लांडरिंग कानून की धारा 45 को असंवैधानिक घोषित करते हुए उसे रद्द कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले की जांच पूरी हो गई है अब उसे जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। लिहाजा उन्हें जमानत प्रदान की जाए।

मनी लांडरिंग में समीर ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
गुरुवार को अवकाश जस्टिस अजय गड़करी के सामने समीर की जमानत अर्जी सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान ED की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि मनी लांडरिंग करने के लिए आरोपियों ने कई फर्जी कंपनियां बनाई थी। आरोपी समीर को इन फर्जी कंपनियों का निदेशक बनाया गया था। इस लिहाज से आरोपी ने खुद मनी लांडरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा आरोपी पर मनी लांडरिंग कानून की जिन धाराओं को तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज है, वे काफी गंभीर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मनी लांडरिंग के अपराध को देश की वित्तीय सेहत के लिए गंभीर माना गया है।

आरोपी को जमानत देना उचित नहीं
इस लिहाज से आरोपी को जमानत देना उचित नहीं होगा। इस दौरान श्री सिंह ने कहा कि उन्हें प्रकरण को लेकर कुछ जरुरी निर्देश लेने है, इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए। इसके बाद जस्टिस ने मामले की सुनवाई 5 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। वह इस बीच समीर के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज है उसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। मेरे मुवक्किल पिछले दो साल से जेल में है। इस लिहाज से भी वे जमानत के हकदार है।

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