अग्रिम श्रेणी के 50 प्रतिशत से अधिक कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी

कोविड-19 अग्रिम श्रेणी के 50 प्रतिशत से अधिक कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी

IANS News
Update: 2022-01-28 15:00 GMT
अग्रिम श्रेणी के 50 प्रतिशत से अधिक कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर जारी है और तमिलनाडु से एक बहुत ही चौंकाने वाली रिपोर्ट मिली है कि यहां के अग्रिम श्रेणी के 50 प्रतिशत से अधिक कर्मियोंे को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेनी है। राज्य में 9.7 लाख फ्रंटलाइन कार्यकर्ता हैं और इनमें से आधे लोगों को अभी कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज लेनी है। राजस्व अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और स्थानीय निकाय कर्मचारियों सहित 1.7 लाख से अधिक फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं ने अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि राज्य के केवल 4.4 लाख फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं ने टीके की दोनों डोज ली है। डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स सहित 97 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके की एक डोज ले ली है और 64 प्रतिशत ने दोनों वैक्सीन लगवा ली है।

तमिलनाडु जन स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. सेल्वाविनायगम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने टीकाकरण अनिवार्य नहीं किया है और इसलिए तमिलनाडु ने भी टीके अनिवार्य नहीं किए हैं। यही कारण है कि कई लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली है और लगभग 1.7 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अभी तक एक भी वैक्सीन नहीं ली है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मॉल और कार्यस्थलों में प्रवेश की अनुमति देने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य कर दिया है। डॉ. सेल्वाविनायगम ने कहा, पिछले दो हफ्तों में कोविड के कारण मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है और 80 प्रतिशत से अधिक मौतें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की हुई हैं। हम सभी के टीकाकरण पर जोर दे रहे ताकि वे खुद ही जल्द से जल्द टीके लगवा ले। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के लगभग सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इन टीकों की पर्याप्त मात्रा है लेकिन लोगों को टीकाकरण के लिए खुद ही आना पड़ेगा।

मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति किरुबाकरण ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण अनिवार्य रूप से किया जाए। यह राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह दोनों टीके नहीं लगवाने वालों को किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम अथवा कार्यालय में प्रवेश की अनमति नहीं दे।

(आईएएनएस)

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