पुलिस की नाक के नीचे से निकल गया साढ़े पांच लाख का इनामी डकैत, जंगल की भूल-भुलैया में भटकी पुलिस

पुलिस की नाक के नीचे से निकल गया साढ़े पांच लाख का इनामी डकैत, जंगल की भूल-भुलैया में भटकी पुलिस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-28 08:43 GMT
पुलिस की नाक के नीचे से निकल गया साढ़े पांच लाख का इनामी डकैत, जंगल की भूल-भुलैया में भटकी पुलिस

डिजिटल डेस्क सतना। तराई में आतंक का पर्याय बन चुका साढ़े 5 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल अपने गिरोह के साथ एक बार फिर पुलिस की नाक के नीचे से निकल गया। सटीक सूचना पर दो टीमों के साथ ददरीमाफी जंगल में डकैतों के बिल्कुल करीब पहुंच चुके चित्रकूट एसपी कुछ मीटर के फासले से रास्ता भटक गए, जिसका फायदा उठाकर गिरोह सुरक्षित ठिकाने की तरफ कूच कर गया। इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक एसपी मनोज झा को विश्वस्त मुखबिरों से पता चला था कि बबुली कोल अपने राइट हैन्ड लवलेश समेत आधा दर्जन डकैतों के साथ ददरीमाफी जंगल में मौजूद है, लिहाजा बहिलपुरवा थाना प्रभारी को अपनी टीम में शामिल कर बताई गई लोकेशन के लिए रवाना हो गए।

वहीं दूसरी तरफ से मारकुन्डी व मानिकपुर थाना प्रभारी के संयुक्त दल को घेरा डालने के निर्देश दिए। तकरीबन 11 बजे दोनों ही दल उस अड्डे के नजदीक पहुंच गए, जहां डकैत डेरा डाले थे पर जंगल की भूल-भुलइया और बारिश की वजह से रास्ता भटक कर आगे निकल गए। काफी देर तक चलने के बाद जब भूल का अहसास हुआ तो वापस लौटे, लेकिन तब तक शिकार हाथ से निकल चुका था।

लखनपुर तक किया पीछा
पहली कोशिश नाकाम रहने पर आधा सैकड़ा सशस्त्र जवानों के साथ एसपी मनोज झा ने मुखबिरों को साथ लेकर लोधनपुरवा से लखनपुर तक का इलाका सर्च किया, पर डकैत हाथ नहीं आए। शाम ढलने तक पुलिस की कॉम्बिंग जारी रही, जिससे गिरोह के कई ठिकाने पता चले तो मददगारों के नाम भी सामने आए। अंधेरा हो जाने पर पुलिस जंगल से बाहर निकल गई। एसपी ने कहा कि गिरोह के हर एक सदस्य की कुंडली तैयार हो चुकी है। हर एक सहयोगी और कैजुअल मेम्बरों की लिस्ट बनाई जा रही है।

छेड़ा जाएगा ज्वाइंट ऑपरेशन
आने वाले दिनों में बबुली गिरोह का सफाया करने के लिए वृहद अभियान छेड़ा जाएगा। जिसमें सतना पुलिस का अहम रोल रहेगा। सीमावर्ती क्षेत्र में बबुली और उसके गैंग मेम्बरों की अच्छी पकड़ है। इनके कई रिश्तेदार नयागांव, धारकुंडी और सभापुर थाना क्षेत्र के गांवों में रहते हैं। यूपी पुलिस का दबाव बढऩे पर डकैत पनाह लेने के लिए इन्हीं के पास चले जाते हैँं।

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