मां के आशिक को बाप नहीं मानने की सजा, बेटी की निर्मम हत्या
मां के आशिक को बाप नहीं मानने की सजा, बेटी की निर्मम हत्या
डिजिटल डेस्क सतना। अपनी मां के आशिक को बाप मानने से इंकार करने की सजा अंतत: 11 साल की एक मासूम बेटी सिमरन उर्फ नेहा को अपनी जान गंवा कर चुकानी पड़ी। जिले की नयागांव पुलिस ने 14 जनवरी को चित्रकूट के श्रीकामदगिरी परिक्रमा पथ से बरामद लड़की की लाश की गुत्थी को सुलझाते हुए हत्या के आरोप में मृतका की मां सबीना शेख उर्फ आरती सिंह और उसके आशिक विजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर के निर्देश पर गठित नयागांव पुलिस की एक टीम दोनों आरोपियों को उत्तर प्रदेश के एटा शहर से उठा लाई। सबीना उर्फ आरती और विजय सिंह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र के ऐंझी गांव के रहने वाले हैं। दोनों को आईपीसी के सेक्सन 302 और 201 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
दूसरा पति है विजय
पुलिस ने बताया कि 30 वर्षीया सबीना शेख का निकाह ललौली के जाहिद अली के साथ हुआ था। दोनों से बेटी सिमरन और बेटे साजिद का जन्म हुआ। वर्ष 2015 में सबीना शेख ने अपने पति जाहिद को छोड़ दिया और वो अपने आशिक विजय सिंह के साथ आ गई। दोनों ने शादी कर ली और शबीना अब आरती सिंह तो बेटी नेहा और बेटा आशिष सिंह हो गए। शुरुआती दिनों में सब ठीक रहा लेकिन बेटी ने विजय को अपना पिता मानने से इंकार कर दिया। इस बात को लेकर घर में प्राय: कलह होने लगी। इसी बीच आरती उर्फ शबीना और विजय सिंह ने मिल कर सिमरन को ठिकाने लगाने की खतरनाक रणनीति बनाई।
आंखों के चेकअप के बहाने आए चित्रकूट
पुलिस ने बताया कि आरती-विजय,नेहा उर्फ सिमरन और बेटे के साथ जानकीकुंड नेत्र चिकित्सालय में आंखों का चेकअप कराने के बहाने 12 जनवरी को चित्रकूट पहुंचे। इसी दिन सभी लोग नेत्र अस्पताल गए और तय रणनीति के तहत 13 जनवरी की शाम को कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा का प्लान बनाया गया। आरती और विजय परिक्रमा पथ पर द्वितीय मुखारबिंद के आगे नरसिंह मंदिर के पास रात्रि विश्राम का बहाना बना कर रुक गए। रात 12 बजे के करीब जब सिमरन और आशीष सो गए और परिक्रमा पथ पर सन्नाटा पसर गया तो चुपके से आरती उर्फ शबीना और विजय सिंह ने मिलकर मफलर से पहले सिमरन का गला घोंट कर हत्या कर दी और फिर उसके मुंह में भी कपड़ा ठंस दिया। इसके बाद बेटे के साथ दोनों चित्रकूट से फरार हो गए।