मध्यप्रदेश: तामिया की भावना का गिनीज बुक में नाम दर्ज, जानिएं मवेशी चराने से लेकर माउंटेनियर तक का सफर

मध्यप्रदेश: तामिया की भावना का गिनीज बुक में नाम दर्ज, जानिएं मवेशी चराने से लेकर माउंटेनियर तक का सफर

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-03 09:47 GMT
मध्यप्रदेश: तामिया की भावना का गिनीज बुक में नाम दर्ज, जानिएं मवेशी चराने से लेकर माउंटेनियर तक का सफर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छिंदवाड़ा जिलें के तामिया गांव की पर्वतारोही भावना डेहरिया का नाम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया हैं। भारतीय पर्वत श्रृंखला हिमालय पर्वत को विश्व भर में प्रमोट करने की वजह से उन्होनें ये उपलब्धि अपने नाम की हैं। 27 साल की भावना ने न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे गांव का नाम देश और दुनिया में रौशन किया हैं। 

बता दें कि, भावना 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट के शिखर पर फतेह हासिल करने वाली प्रदेश की प्रथम महिलाओ में से एक है। इसके साथ ही वे दुनिया के चार महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर भारत का तिरंगा फहराकर देश का नाम पहले भी रोशन कर चुकी हैं। भावना ने साल 2019 में दीपावली के दिन अफ्रीका महाद्वीप का माउंट किलिमंजारो और होली के दिन ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का माउंट कोजिअस्को के सबसे ऊंचे शिखर पर फतह हासिल कर भारत का परचम दुनिया भर में लहराया था। 

माउंटेनियर का सफर
भावना का जन्म एक साधारण आदिवासी परिवार में हुआ जहां वो 4 बहनें और 1 भाई हैं। पिताजी शिक्षक हैं। लेकिन उनका कहना हैं कि, उन्होनें अपने घर में कभी बेटा-बेटी में भेदभाव महसूस नहीं किया। वो आज जो भी हैं अपने मां-पिताजी की वजह से ही हैं। भावना पहले गाय-भैंस चराना, पानी भरना, छोटे-भाई बहनों को स्कूल के लिए तैयार करना सब कुछ करती थी। भावना ने सांतवी कक्षा में एवरेस्ट को लेकर एक बुक पढ़ी और तभी ठान लिया कि वो बड़े होकर एक पर्वतारोही बनेंगी। भावना ने 31 दिसंबर 2019 को साउथ अमेरिका के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट अकोंकागुआ पर भी भी क्लाइंब किया था। लेकिन प्रशांत महासागर से आने वाले समुद्री तूफान के कारण शिखर से 500 मीटर दूरी से उन्हें और उनकी पूरी टीम को वापस आना पड़ा। जिसको लेकर भावना का कहना है की वह जल्द ही दोबारा इस चोटी को फतेह करेंगी।

 

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