जाति प्रमाणपत्र का मामला : सांसद अडसुल ने दिल्ली में राणा दम्पति के खिलाफ दर्ज करवाई शिकायत

जाति प्रमाणपत्र का मामला : सांसद अडसुल ने दिल्ली में राणा दम्पति के खिलाफ दर्ज करवाई शिकायत

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-02 07:30 GMT
जाति प्रमाणपत्र का मामला : सांसद अडसुल ने दिल्ली में राणा दम्पति के खिलाफ दर्ज करवाई शिकायत

डिजिटल डेस्क,  अमरावती।  सांसद आनंदराव अडसुल व विधायक रवि राणा  के बीच घमासान जारी है। ऐसे में विधायक रवि राणा के खिलाफ सांसद अडसुल ने दिल्ली के तुघलक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत में सांसद अडसुल ने रवि राणा समेत उनकी पत्नी नवनीत राणा हरभजनसिंह कुंडलेस जाति प्रमाणपत्र जांच कमिटी के सचीन खंडारे नामक अधिकारी के साथ ही दिपेंद्रसिंह कुशवाह के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवाई है।    

ज्ञात रहे कि अडसुल का कहना है कि रवि राणा की पत्नी नवनीत राणा ने पिछली लोकसभा चुनाव में अपने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ा था। उनकी जाति प्रमाणपत्र फर्जी होने की बात सिद्ध हो चुकी है। फिर भी उनके खिलाफ अब तक राज्य सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि रवि राणा ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह फर्जी प्रमााणपत्र हासिल किया है। जिसके चलते रवि राणा समेत उनकी पत्नी और कुछ अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली के पुलिस थाने में भी इस संदर्भ में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पॉलिटेक्निक कालेज की जगह शुरू कर दी निजी शाला
इधर रवि राणा की और एक मुश्किल बढ़ती जा रही है। सूचना अधिकार  कार्यकर्ता जयंत वंजारी ने सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा ने एजुकेशन सोसायटी को पॉलिटेक्निक कालेज हेतु मंजूर की गई पांच एकड़ सरकारी जमीन का मूल्यांकन 28  करोड़ रुपए बताकर पंजाब नेशनल बैंक से 12.15 करोड़ रुपए का कर्ज हासिल किया है। जबकि इस जमीन पर राणा ने पॉलिटेक्निक कालेज की जगह दिल्ली पब्लिक स्कूल शुरू कर पंजाब नेशनल बैंक व सरकार के राजस्व विभाग को गुमराह किया है।

ऐसा आरोप सूचना अधिकार कार्यकर्ता वंजारी द्वारा जारी किए गए विज्ञप्ति में किया गया है। इस संदर्भ में वंजारी का दावा है कि राणा एजुकेशन सोसायटी ने 31  मार्च 2010 को जिलाधिकारी कार्यालय के आदेश अनुसार सर्वे क्र. 49/ 2 साईं नगर में 2.39 हेक्टेअर आर मतलब 5 एकड़ सरकारी ई-क्लास की जमीन हासिल की है। इस जमीन का उपयोग स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक उपक्रमों हेतु किया जाएगा। जिसके बाद सार्वजनिक विश्वस्त संस्था के रूप में पंजीयन प्रमाणपत्र एवं पॉलिटेक्निक मंजूरी के अधिन रहकर आवेदक संस्था को उक्त जमीन आवंटित की गई है।
 
बताया जाता है कि इस जमीन पर पॉलिटेक्निक कालेज शुरू करने की शर्त भी भारतीय तंत्र शिक्षा परिषद के मानकों के अनुसार रखी गई थी। अगर भविष्य में पॉलिटेक्नीक कालेज शुरू नहीं होता है तो उस जमीन का हस्तांतरण अपने आप हो जाएगा तथा जमीन सहित जमीन पर किया गया निर्माणकार्य सरकार के पास जमा कर लिया जाएंगा। मगर 8 वर्ष होने के बावजूद राणा ने इस जमीन पर पॉलिटेक्निक कालेज अब तक शुरू नहीं किया है। बल्कि इस स्थान पर दिल्ली पब्लिक स्कूल नामक शाला शुरू की गई है, जोकि नियमों के खिलाफ बताया जा रहा है।

आरोप सिद्ध हुए तो छोड़ दूंगा राजनीति
जयंत वंजारी द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। यह वंजारी न ही कोई सांसद है, विधायक है और न ही पार्षद है। इस वंजारी के खिलाफ अकोला, नागपुर व अन्य जगहों पर लोगों को ठगने के मामले दर्ज है। वंजारी यह सांसद अडसुल के यहां पगारी नौकरी पर है और उनके कहने पर वंजारी द्वारा यह किया जा रहा है। मेरी अडसुल को चुनौती है कि वे मुझ पर एक भी आरोप सिद्ध कर के दिखाए, मैं हमेशा के लिए राजनीति छोड़ दूंगा। रही बात लगाए गए आरोप की तो स्कूल के निर्माणकार्य के लिए लोन लिया गया था, जो कि गलत नहीं है। कोई भी जांच करवा लें। अगर जिस दिन आरोप सिद्ध हुए तो खुद ही राजनीति छोड़ दूंगा। 
(रवि राणा, विधायक)

Similar News