लिस्बन की जेल में बिताए तीन साल को आजीवन कारावास में करें समाहित,अबू सलेम ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका 

लिस्बन की जेल में बिताए तीन साल को आजीवन कारावास में करें समाहित,अबू सलेम ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-04 18:33 GMT
लिस्बन की जेल में बिताए तीन साल को आजीवन कारावास में करें समाहित,अबू सलेम ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई के 1993 बम धमाके के मामले में दोषी पाए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे माफिया सरगना अबू सलेम ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सलेम ने मांग की है कि उसने लिसबन की जेल में तीन साल बिताए हैं, लिहाजा उसके आजीवन कारावास की सजा से तीन साल कम कर दिए जाए। नई मुंबई के तलोजा जेल में सजा काट रहे सलेम ने याचिका में कहा है कि पुर्तगाल में उसकी गिरफ्तारी यहां के कोर्ट द्वारा भेजे गए वारंट के बाद हुई थी। क्योंकि यहां की टाडा कोर्ट ने 1993 में उसे भगौड़ा आरोपी घोषित किया था। यह आदेश मेरे धमाके की साजिश में शामिल होने के आरोप के तहत जारी किया गया था। प्रत्यर्पण संधि के तहत पुर्तगाल पुलिस ने मेरे खिलाफ यहां के कोर्ट के आदेश के आधार पर कार्रवाई की। इसलिए वहां की कार्रवाई भी 1993 बम धमाके के जांच का हिस्सा था। पुर्तगाल स्थित जेल में मैंने तीन साल बिताए हैं, इसलिए इन तीन सालों को मेरे आजीवन कारावास की सजा में से कम कर दिया जाए। अधिवक्ता तारक सैय्यद के मार्फत दायर इस याचिका में सलेम ने आपराधिक प्रक्रिया की धारा 428 के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि जांच के दौरान आरोपी की ओर से जेल में बिताए गए समय को उसकी सजा से कम किया जा सकता है। सलेम की याचिका पर गर्मीयों की छुटि्टयों के बाद सुनवाई होगी।

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