अपनी उंगलियों के निशान में फंसेगा रवि पुजारी, झूठे नाम और पहचान को बनाया हथियार
अपनी उंगलियों के निशान में फंसेगा रवि पुजारी, झूठे नाम और पहचान को बनाया हथियार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सेनेगल में गिरफ्तार रवि पुजारी की भले ही दूसरे नाम के सहारे बचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी इस चाल की काट ढूंढ ली है। पुजारी की पहचान पुख्ता करने के लिए उसकी ही उंगलियों के निशान काफी होंगे जो मुंबई पुलिस के पास मौजूद हैं। इसके अलावा दिल्ली में रहने वाली पुजारी की बहनों के डीएनए सैंपल भी उसकी झूठ की पोल खोल सकतीं हैं।
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पुजारी को मारपीट और दंगा भड़काने के मामले में एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर साल 1992 में गिरफ्तार किया गया था। यह इकलौता मामला था जिसमें उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उस दौरान पुलिस ने तस्वीर के साथ-साथ उसके उंगलियों के निशान लिए गए थे जो किसी भी मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद सामान्य प्रक्रिया होती है। ये उंगलियों के निशान भी उसके खिलाफ तैयार किए गए डोजियर का हिस्सा हैं। इसलिए भारतीय एजेंसियों को पूरा भरोसा है कि वे पुजारी के झूठ का पर्दाफाश कर देंगी। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद पुजारी ने सेनेगल की अदालत में दावा किया है कि उसका नाम एंथोनी फर्नांडिस है और वह बुर्किना फासो नाम के देश का नागरिक है। पुजारी के खिलाफ और पुख्ता सबूत के लिए उसके परिवार के डीएनए नमूने भी लिए जा सकते हैं। पुजारी की दो बहनें जयलक्ष्मी सलियन और नैना पुजारी दिल्ली में रहतीं हैं।
बंद हुए धमकी भरे फोन
पुजारी की गिरफ्तारी के बाद बिल्डरों, उद्योगपतियों और व्यापारियों को आने वाले उसके धमकी भरे फोन भी बंद हो गए हैं। पुलिस सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। इस बात से भी साफ जाहिर है कि पकड़ा गया शख्स रवि पुजारी ही है।