मुंबई: रेल हादसों में एक साल के अंदर 2981 मौतें, सबसे ज्यादा पटरी क्रॉस करते समय मरे

मुंबई: रेल हादसों में एक साल के अंदर 2981 मौतें, सबसे ज्यादा पटरी क्रॉस करते समय मरे

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-23 06:45 GMT
मुंबई: रेल हादसों में एक साल के अंदर 2981 मौतें, सबसे ज्यादा पटरी क्रॉस करते समय मरे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कमाई के लिए फ्लेक्सी फेयर जैसे सिस्टम लागू करने वाला रेलवे लोगों की जिंदगी को लेकर बिल्कुल भी सचेत नहीं है। रेलवे हुए हादसों के चलते साल 2018 में मुंबई के 2981 लोगों ने जान गंवाईं है और 3349 लोग घायल हुए हैं। हादसे में जान गंवाने वालों में 363 महिलाएं हैं। सबसे ज्यादा 1619 यात्रियों की मौत पटरी पार करते हुए हुई है। साल 2017 में मुंबई में रेल हादसों में कुल 3014 यात्रियों की मौत हुई थी। जबकि 3345 घायल हुए थे। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक मध्य रेलवे में हादसों में 1933 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 1920 घायल हुए हैं। वहीं पश्चिम रेलवे में 1048 यात्रियों की मौत हुई है। 1429 घायल हुए हैं।

 

चलती ट्रेन से गिरे 711 यात्री
चलती ट्रेन से गिरने के चलते कुल 711 यात्रियों की मौत हुई है। जिनमें 76 महिलाएं हैं। रेल पटरियों के पास लगे खंभे भी कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हुए हैं। इनसे टकराने से 19 यात्रियों की मौत हुई हैं और 90 घायल हुए। प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच खाली जगह में गिरने से छह यात्रियों की जान बीते साल गई जबकि 22 यात्रियों की मौत बिजली के झटके से हुई। इस दौरान 35 लोगों ने ट्रेनों के आगे कूदकर आत्महत्या भी की है। आरटीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक 522 यात्रियों की रेलवे परिसर और ट्रेनों में प्राकृतिक मौत हुई। 18 यात्रियों की मौत की वजह पता नहीं चल सकी। आरटीआई  में अन्य वजहों से भी 29 यात्रियों की मौत होने की जानकारी सामने आई है।

आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने बताया कि बॉम्बे  हाईकोर्ट ने रेलवे को हादसे रोकने सुरक्षा दीवार बनाने का आदेश दिया था। लेकिन रेलवे प्रशासन ने इस पर खास ध्यान नहीं दिया। रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने भी इन हादसों को रोकने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
 

एक नजर में 
साल     2018    2017    2016    2015    2014     2013

मौत      2981    3014    3202    3304    3423     3506
घायल   3349     3345    3363    3349    3299    3318

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