भोपाल: दुकानदारों से पॉलीथिन लेने वाले ग्राहकों पर फाइन लगाएगा नगर निगम

भोपाल: दुकानदारों से पॉलीथिन लेने वाले ग्राहकों पर फाइन लगाएगा नगर निगम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-20 06:44 GMT
भोपाल: दुकानदारों से पॉलीथिन लेने वाले ग्राहकों पर फाइन लगाएगा नगर निगम
हाईलाइट
  • दुकानदार से पॉलीथिन लेने वाले को देना होगा जुर्माना।
  • पहले सिर्फ दुकानदारों पर ही की जाती थी कार्रवाई।
  • व्यापारियों ने शुरू किया कपड़े और कागज के बैग का उपयोग।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनधानी भोपल में नगर निगम पॉलीथिन पर सख्ती से रोक लगाने के मूड में है। दुकानदारों को पॉलीथिन का उपयोग करने से रोकने फाइन लगा रहा नगर निगम अब ऐसे ग्राहकों पर भी स्पॉट फाइन लगाएगा, जो दुकानदारों से पॉलीथिन में सामान लेंगे। भोपाल के बिट्टन मार्केट में नगर निगम इसको लेकर मुहिम चला रहा है। नगर निगम काफी दिनों से बाजार में अनाउंसमेंट कर रहा है। अनाउंसमेंट में नगर निगम पॉलीथिन की वजह से प्रकृति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बता रहा है। इसके पहले केवल पॉलीथिन देने वाले दुकानदारों पर ही कार्रवाई की जाती थी। लोगों को परेशानी से बचाने के लिए कुछ व्यापारी आगे आए हैं। व्यापारी यहां आने वाले ग्राहकों को कपड़े और कागज से बने बैग का वितरण कर रहे हैं।

 

हर साल 8 करोड़ टन पॉलीथिन का उत्पादन
पॉलीथीन का वर्तमान में वार्षिक वैश्विक उत्पादन 8 करोड़ टन है। इसका मुख्य उपयोग पैकेजिंग (प्लास्टिक के थैले, प्लास्टिक फिल्में, जीओमेम्ब्रेन, बोतल और अन्य पात्र) बनाने में होता है।

 

क्या हैं नुकसान

- पॉलीथिन से गर्भस्थ शिशु के विकास में भी बाधा आ सकती है।
- जमीन पर पड़ी पॉलीथिन भूमि की उर्वरा शक्ति को खत्म कर देती है।
- देश में गिरते भूजल स्तर का एक बड़ा कारण भी पॉलीथिन है।
- पॉलीथिन को जलाने पर निकले वाला धुआं ओजोन परत को नुकसान पहुंचाता है, जो ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा कारण है।
- ज्यादा समय तक प्लास्टिक के संपर्क में रहने से लोगों के खून में थेलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है। 
- पॉलीथिन जलाने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड एवं डाईआक्सींस जैसी विषैली गैस उत्सर्जित होती हैं।
- पॉलीथिन सीवर जाम का भी सबसे बड़ा कारण है।

 

ये हैं विकल्प
पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हमें कपड़ा, जूट, कैनवास, नायलान और कागज के बैग का इस्तेमाल सबसे अच्छा विकल्प है। सरकार को पॉलीथिन के विकल्प पेश कर रहे उद्योगों को प्रोत्साहन देना चाहिए।

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