कोर्ट ने 833 सहायक RTO का रद्द किया चयन, नियमों में किए गए बदलाव
कोर्ट ने 833 सहायक RTO का रद्द किया चयन, नियमों में किए गए बदलाव
डिजिटल डेस्क,नागपुर। महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग द्वारा सहायक आरटीओ के 833 पदों पर चुने गए उम्मीदवारों का चयन बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रद्द कर दिया। प्रदेश के परिवहन विभाग में रिक्त इन पदों पर नियुक्तियों के लिए एमपीएससी ने 30 जनवरी 2017 को विज्ञापन जारी किया। केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इस पद पर नियुक्ति के लिए उम्मीवार के पास इंजीनियरिंग की डिग्री के अलावा भारी माल वाहक और भारी प्रवासी वाहक गाड़ियों को चलाने का लाइसेंस और विशिष्ट वर्कशॉप में काम करने का एक वर्ष का अनुभव अनिवार्य था, लेकिन राज्य सरकार ने पात्रता के नियमों में बदलाव करते हुए विज्ञापन में स्पष्ट किया कि भारी वाहनों की जगह हल्के वाहन आैर गियर वाली मोटरसाइकिल चलाने के लाइसेंस और नियुक्ति के बाद कार्यानुभव लेने की छूट दी गई।
केंद्र सरकार ने कहा- समझौता उचित नहीं
इस मामले में 30 अप्रैल 2017 को एमपीएससी ने परीक्षा ली और इस आधार पर 833 उम्मीदवारों का पद के लिए चयन किया। उस वक्त नागपुर खंडपीठ ने मामले में "स्टेटस-को" के आदेश जारी किए थे। इस प्रकरण में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि उनके द्वारा निर्धारित पात्रता से कोई समझौता उचित नहीं होगा और राज्य सरकार को उन्हें शिथिल करना भी उचित नहीं होगा। ऐसे में कम पात्रता के आधार पर हुई इन नियुक्तियों को नागपुर खंडपीठ ने रद्द कर दिया। मामले में याचिकाकर्ता राजेश फाटे की ओर से एड. रवींद्र खापरे, राज्य सरकार की ओर से एड. कडूकर और मध्यस्थी अर्जदार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी. एस. कप्तान और एड. कुलदीप महल्ले ने पक्ष रखा।
नियमों में किए गए बदलाव व कोर्ट के इस फैसले से एमपीएससी परीक्षा की तैयारी कर नौकरी का ख्वाब देख रहे उम्मीदवारों के उम्मीदों पर पानी फिर गया है उन्हें फिर से अब एग्जाम की तैयारी करनी होगी। वहीं नए नियमानुसार इन पदों पर नियुक्ति पाने के लिए सारे नियमों का पालन करते हुए जुटना होगा।