नागपुर-छिंदवाड़ा ब्राडगेज पूर्णता की ओर, सिर्फ 20 किमी का कार्य बाकी

नागपुर-छिंदवाड़ा ब्राडगेज पूर्णता की ओर, सिर्फ 20 किमी का कार्य बाकी

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-27 10:14 GMT
नागपुर-छिंदवाड़ा ब्राडगेज पूर्णता की ओर, सिर्फ 20 किमी का कार्य बाकी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्षों से नागपुर-छिंदवाड़ा ब्रॉडगेज का इंतजार किया जा रहा है, अब इसमें कुछ ही समय शेष रह गया है। पहले छिंदवाड़ा से भंडारकुंड का काम हुआ, जिस पर गाड़ियां भी चल रही हैं। हाल ही में नागपुर से भीमलगोंडी तक का काम भी हो गया है। ऐसे में अब केवल भीमलगोंडी से भंडारकुंड तक केवल 20 किमी का काम ही शेष रह गया है। दपूम रेलवे नागपुर से भीमलगोंडी नई बड़ी लाइन की टेस्टिंग के लिए 28 दिसंबर से 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से इंजन को दौड़ाने वाले हैं, जिसके बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से इसकी जांच होगी। जांच पूरी होने के बाद हरी झंडी मिल जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि नागपुर रेलवे स्टेशन से वर्तमान स्थिति में छिंदवाड़ा के लिए कोई गाड़ी नहीं है, हालांकि 4 साल पहले छोटी लाइन के माध्यम से छिंदवाड़ा का सफर 6 घंटे में तय किया जाता था। परिवर्तन और विकास के चलतेे इस लाइन को बंद कर दिया गया। नागपुर से छिंदवाड़ा 140 किमी छोटी लाइन को ब्राडगेज तब्दील करने का काम शुरू किया गया। कुछ महीने पहले ही छिंदवाड़ा से शुरू हुआ काम भंडारकुंड तक हो गया, जहां लाइन को ओके कर ब्राडगेज गाड़ियों का संचालन भी शुरू कर दिया गया। भंडारकुंड से नागपुर तक का काम अभी तक बाकी था, इसी सप्ताह नागपुर से खापरखेड़ा, पाटनसावंगी, सावनेर, केलोद, लोधीखेड़ा, सौंसर, रामाकोना, भीमलगोंडी कुल 90 किमी का काम पूरा हो चुका  है। ऐसे में अब भीमलगोंडी से भंडारकुंड केवल 20 किमी का काम बाकी रह गया है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।

10 दिन चलेगी टेस्टिंग
दपूम रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत इस लाइन की टेस्टिंग 28 दिसंबर से शुरू की जाएगी। जिसके लिए लाइन के आस-पास रहने वालों को लेकर प्रशासन ने सतर्क रहने की अपील भी की है। बताया गया कि लाइन काफी समय से बंद होने के कारण लोगों ने यहां अतिक्रमण कर रखा है। ऐसे में इंजन के संचालन के दौरान हादसे की आशंका है। परिणाम स्वरूप इंजन चलाने से पहले प्रशासन ने ऐसे अतिक्रमणकारियों को सतर्क भी किया है। प्रशासन टेस्टिंग के दौरान लाइट इंजन को एक बोगी से जोड़कर अधिकारियों के साथ टेस्टिंग करने वाली है। इस दौरान इंजन को 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पर दौड़ाया जाएगा। सेक्शन के बीच टेस्टिंग होगी, जो करीब 10 दिन चलेगी। इसके बाद सीआरएस से परीक्षण कर हरी झंडी मिलने पर यहां से यात्री गाड़ियों का संचालन किया जाएगा। 
 

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