नागपुर ने पूर्णिमा की रात बिजली बचाई, अर्थ ऑवर डे पर 1 लाख 60 हजार यूनिट बिजली और पानी की भी हुई बचत

नागपुर ने पूर्णिमा की रात बिजली बचाई, अर्थ ऑवर डे पर 1 लाख 60 हजार यूनिट बिजली और पानी की भी हुई बचत

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-30 08:11 GMT
नागपुर ने पूर्णिमा की रात बिजली बचाई, अर्थ ऑवर डे पर 1 लाख 60 हजार यूनिट बिजली और पानी की भी हुई बचत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्णिमा की रात चांद से रोशन हो उठती है। चांदनी रात में बिजली बचत करने में नागपुर शहर  ने खास सफलता पाई है। नागपुर शहर 2014 से लगातार हर पूर्णिमा को अर्थ ऑवर डे मनाता है और इस तरह अब तक शहर में लगभग 1 लाख 60 हजार यूनिट बिजली की बचत की जा चुकी है। यही नहीं, पानी और कोयले की बचत के साथ-साथ कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम हुआ है। ‘अर्थ  ऑवर डे’ में एक शाम, एक घंटे के लिए बिजली का उपयोग नहीं किया जाता। शहर में हर पूर्णिमा को एक घंटे के लिए पथदीपों को बंद कर दिया जाता है। लाेगों की जागरूकता के कारण बिजली की इतनी बचत हो सकी है। 2014 से अब तक 64 बार कैंपेन के तहत शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में एक घंटे के लिए पथदीपों को बंद रखा गया।

11,93,557 लीटर पानी की भी बचत
एक यूनिट बिजली पैदा करने में 500 ग्राम कोयला और 7.5 लीटर पानी खर्च होता है। साथ ही इस प्रक्रिया में 1000 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। 2014 से शुरू हुए इस कैंपेन के कारण नागपुर अब तक 1 लाख 59 हजार 141 यूनिट बिजली बचा चुका है। साथ ही लगभग 1 लाख 59 हजार 141 किग्रा सीओटू का उत्सर्जन कम हुआ है। इतनी बिजली बनाने में 79, 570 किग्रा कोयला और 11, 93, 557 लीटर पानी उपयोग होता है।  

पेरिस एग्रीमेंट में किए भारत ने दो वादे
पूरे विश्व में पर्यावरण का दृष्टिकोण की ओर जागरूक करने के लिए पेरिस एग्रीमेंट की भी शुरुआत की गई थी। इसमें कार्बन के उत्सर्जन को कम करना और पर्यावरण के संसाधनों का संरक्षण करने का उद्देश्य है। पेरिस एग्रीमेंट में भारत ने 2 अक्टूबर 2016 को  हस्ताक्षर किए और दो वादे किए। पहला 2030 तक कार्बन उत्सर्जन 33 प्रतिशत तक कम करेंगे। दूसरा, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे कार्बन सिंक होगा। पूरे विश्व के कार्बन उत्सर्जन में भारत का कार्बन उत्सर्जन 6.8 प्रतिशत है। पेरिस एग्रीमेंट को पूरे विश्व के 55 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन देशों के शामिल होने के बाद ही 4 नवंबर 2016 को लागू किया गया।

विश्व के 7000 शहर मनाते हैं अर्थ ऑवर डे
‘अर्थ ऑवर डे’ एक विश्वव्यापी आंदोलन है। यह पूरे विश्व 180 देशों में मनाया जाता है। इसके तहत 7000 शहरों में एक दिन रात 8.30 से 9.30 बजे तक बिजली को का उपयोग नहीं किया जाता है। इसकी शुरूआत 2007 में सिडनी में हुई थी।

इस बार की थीम ‘अ हेल्दी नेचर एंड हेल्दी प्लेनेट’
‘अर्थ ऑवर डे’पर हर वर्ष पर नई थीम पर कार्य करते हैं इस वर्ष ‘अ हेल्दी नेचर एंड हेल्दी प्लेनेट’ थीम पर यह दिवस मनाया जाएगा। पृथ्वी से हमें खाद्य सामाग्री, वायु और जल मिलता है, लेकिन प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज के कारण प्राकृतिक संसाधनों में कमी आने लगी है। 

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