ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कम्प्यूटर से एग्जाम

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कम्प्यूटर से एग्जाम

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-23 10:05 GMT
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कम्प्यूटर से एग्जाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर । ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए होने वाली परीक्षा अब और कठिन हो जाएगी। पहले तो अधिकारियों की मनमर्जी चल जाती थी, अब ऐसा नहीं हो पाएगा। नागपुर आरटीओ में कंप्यूटराइज्ड व्हीकल ट्रैक बनाया जा रहा है। इसमें सेंसर लगा रहेगा। इससे गुजरने वाले की हर हरकत की मॉनिटिरंग कंप्यूटर करेगा। लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थी की गाड़ी इसी खास ट्रैक से गुजरेगी। जहां भी कमी होगी, वहीं पर बीप बजेगी और उसको मिलने वाले प्वाइंट में कटौती हो जाएगी। खास बात यह है कि इससे समय की भी बचत होगी और पारदर्शिता भी बनी रहेगी। इस परियोजना पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च आएगा। पुणे, पिंपरी चिचवाड़ा व बारामती में इसी तरह की प्रणाली से काम हो रहा है। 

वर्तमान की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की खूब है गुंजाइश : स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय परिसर में बने ट्रैक पर गाड़ी चलाकर परीक्षा देनी पड़ती है। दोपहिया वाहनधारकों के लिए आठ नंबर के आकार का ट्रैक बनाया गया है। वहीं चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग से लेकर चढ़ाई व ढलान वाले ट्रैक बनाए गए हैं। आरटीओ इंस्पेक्टर को परिसर में आकर वाहन चालकों की परीक्षा लेने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। गाड़ी पर नजर रखने के साथ ही नियमों का ख्याल रखना आसान नहीं होता। कई बार वाहन चालक की गलती समझ में नहीं आती। साथ ही, कई बार तो इंस्पेक्टर और वाहन चालक के बीच विवाद की स्थिति हो जाती है। यही नहीं, कई बार तो जानबूझकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए कमियां निकाल दी जाती हैं। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इससे अब मुक्ति मिल जाएगी। 

गलती करते ही बजेगी बीप : कंप्यूटराइज्ड ट्रैक में सेंसर लगा होगा। दोपहिया वाहन के ट्रैक पर आते ही यह सेंसर सक्रिय हो जाएगा। ट्रैक से वाहन गुजरने पर टीवी स्क्रीन पर सेंसर के माध्यम से आठ की आकृति बननी चाहिए, तभी पास माना जाएगा। यदि आठ बनाते हुए वाहनधारक ट्रैक से नीचे उतर जाता है तो स्क्रीन पर पूरी तरह आठ नंबर की आकृति तैयार नहीं हो पाएगी। इससे उसे फेल माना जाएगा। इसी तरह, चार पहिया ट्रैक के किनारे पर सेंसर लगा होगा। वाहन किनारे उतरने के बाद बीप बजेगी। ठीक इसी तरह पार्किंग ब्लॉक में भी सेंसर लगे रहेंगे। यदि गाड़ी पार्किंग के दौरान सीमा के बाहर पीछे जाती है, तो बीप बजेगी। ऐसे में वाहनधारकों की परीक्षा लेने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। वर्तमान में राज्य के 59 आरटीओ कार्यालयों में पुणे, पिंपरी चिचवाड़ा व बारामती में इस तरह की प्रणाली से काम हो रहा है।

ट्रैक की बदहाली : वर्तमान स्थिति में नागपुर के शहर आरटीओ कार्यालय के वाहन ट्रैक की हालत खराब है। दुपहिया वाहन धारकों के लिए बनाया आठ नंबर नजर ही नहीं आता है। डामर के पूरी तरह से उखड़ जाने से कई वाहनधारक परीक्षा में असफल हो जाते हैं। चार पहिया वाहन के लिए बनाया गया ट्रैक भी इसी तरह खस्ताहाल है।

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