सास कुंती और बहू द्रौपदी ने लड़ा ग्राम पंचायत चुनाव, इस तरह दोनों को मिली जीत

सास कुंती और बहू द्रौपदी ने लड़ा ग्राम पंचायत चुनाव, इस तरह दोनों को मिली जीत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-27 17:55 GMT
सास कुंती और बहू द्रौपदी ने लड़ा ग्राम पंचायत चुनाव, इस तरह दोनों को मिली जीत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार को ग्राम पंचायत चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है। प्रमुख राजनीतिक दलों व उनके नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में चुनौती मिली। स्पर्धी पैनल के उम्मीदवार बाजी मार गए, लेकिन जीत को लेकर सभी दलों के नेताओं के दावे बरकरार हैं। सबके सब दावे कर रहे हैं कि जीत तो उनकी ही हुई है। कांग्रेस व NCP के नेता कह रहे हैं कि BJP के पतन के दिन की शुरुआत हो गई है। वहीं BJP के नेताओं ने आंकड़ों के साथ दावा किया है कि बाजी तो उनके हाथ में हैं। वहीं इससे ज्यादा सास और बहू की उस जीत की चर्चा रही है, जिसने महाभारत की भी याद दिलाई है।

कलमेश्वर में सास कुंती और बहू द्रौपदी भी जीते
दरअसल कलमेश्वर तहसील की दो ग्राम पंचायतों में सास-बहू चुनाव में खड़ी थी। इन दोनों सास बहू के नतीजों पर नजर थी। महाभारत के नाम पर इन दोनों के नाम होने के कारण लोगों को इनमें ज्यादा दिलचस्पी थी। तोंडाखेरी ग्राम पंचायत से BJP प्रत्याशी बहू द्रौपदी ने जीत दर्ज की। वहीं निमजी ग्राम पंचायत से कांग्रेस की प्रत्याशी सास कुंती ने जीत दर्ज की है।

गडकरी-फडणवीस के काम पर विश्वास
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने BJP की सबसे बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के विकास कार्यों पर ग्रामीण जनता ने विश्वास किया है। जिले में 373 में से 218 ग्राम पंचायतों पर BJP ने कब्जा किया है। बावनकुले के अनुसार, गडकरी के विकास कार्याें से जिले में उत्साह का अलग माहौल बना है। मुख्यमंत्री की ग्राम विकास आधारित योजनाओं को लाभ मिलने से ग्रामीण खुश हैं। ग्राम पंचायत चुनाव में यह सब स्पष्ट हुआ है।

निर्विरोध भी जीते, जनाधार कायम
BJP के जिला अध्यक्ष राजीव पोतदार ने कहा है कि BJP के उम्मीदवार निर्विरोध भी जीते हैं। BJP का जनाधार कायम है। उमरेड तहसील के ब्राम्हणी रेलवे व भिवापुर तहसील के पोकली, पिरवा ग्राम पंचायत में निर्विरोध सरपंच चुने गए हैं। 378 ग्राम पंचायतों में 218 BJP के सरपंच चुने गए हैं। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना से भी लोग BJP नेतृत्व से प्रभावित हैं। 

शिवसेना पीछे नहीं
रामटेक के लोकसभा सदस्य कृपाल तुमाने ने दावा किया है कि शिवसेना भी कहीं पीछे नहीं है। शिवसेना के सहयोगी पैनल से 97 सरपंच चुने गए हैं। उन्होंने यह भी कि सरपंच का चुनाव सीधे नागरिकों के मतदान होने से ग्रामीणों में उत्साह है। जहां शिवसेना के पैनल के सरपंच बने हैं, वहां विकास कार्यों को अधिक गति मिलेगी।

BJP नेताओं को झटका
NCP के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण कुंटे ने कहा है कि जिले में BJP नेताओं को झटका लगा है। भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के गांव धापेवाड़ा में BJP पराजित हुई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दत्तक गांव फेटरी में भी BJP सफल नहीं रह पाई। काटोल विधानसभा क्षेत्र में 87 में से 80 ग्राम पंचायत में NCP पैनल जीता है। किसान, दलित, आदिवासी, महिला, युवा व सभी वर्ग के मतदाताआें ने BJP को झटका दिया है। 

NCP का वर्चस्व
पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने दावा किया है कि जिले में NCP ने वर्चस्व कायम किया है। काटोल विधानसभा क्षेत्र में 90 प्रतिशत सरपंच NCP के जीते हैं। काटोल तहसील की 53 में से 40 व नरखेड तहसील की 30 में से 24 ग्राम पंचायत NCP के कब्जे में आई है। नागपुर ग्रामीण की 4 में से 3 ग्रामपंचायत में NCP के निर्विरोध सरपंच चुने गए हैं। केवल 20 प्रतिशत स्थानों पर ही अन्य संगठनों के उम्मीदवार सफल हो पाए हैं। देशमुख ने NCP के सरपंचों के नाम भी जारी किए हैं।

कांग्रेस NCP आगे
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ने दावा किया है कि ग्राम पंचायत चुनाव में कांग्रेस व NCP ही आगे रही है। उनके अनुसार 381 में से 229 ग्राम पंचायत में कांग्रेस NCP के सरपंच चुने गए हैं। BJP 120, शिवसेना 19, निर्दलीय 14 सरपंच चुने गए। श्री मुलक के अनुसार, BJP की पराजय से ग्रामीण क्षेत्र में उत्सव का वातावरण है।

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