वकीलों की मदद के लिए कॉस्ट के 50 हजार दिए

वकीलों की मदद के लिए कॉस्ट के 50 हजार दिए

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-24 05:43 GMT
वकीलों की मदद के लिए कॉस्ट के 50 हजार दिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट में फंसे वकीलों की मदद के लिए एक नया तरीका निकाला है। हाल ही में एक मामले में हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों पर कॉस्ट लगाई। न्या. जेड. ए. हक और न्या. एस. एम. मोडक की खंडपीठ  ने यह पूरी रकम सही उपयोग के लिए डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन (डीबीए) को देने के आदेश दिए हैं। डीबीए को यह रकम जरूरतमंद वकीलों की मदद के लिए इस्तेमाल करने को कहा गया है। डीबीए को यह भी हिदायत दी गई है कि इस रकम का इस्तेमाल सिर्फ वकीलों की मदद के लिए ही किया जा सकता है। अब तक कॉस्ट की रकम लीगल सेल या सरकारी राहत कोष में जाती थी। सीधे जरूरतमंद वकीलों को यह रकम सौंपने का संभवत: नागपुर खंडपीठ का पहला आदेश है।

यह था मामला
 दरअसल यह मामला यवतमाल में पिछले वर्ष हुई अपहरण की घटना से जुड़ा है। मामले में एक युवा नेता को आरोपी बनाया गया था। बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गई थी। ऐसे में मामले में ट्रायल रोकने के लिए आरोपी ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। कोर्ट और पुलिस मशीनरी का समय खर्च करने के कारण कोर्ट ने दोनों पक्षों पर कॉस्ट लगा कर उन्हें राहत दे दी। इसी कॉस्ट की रकम डीबीए को दी गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. परवेज मिर्जा और युसुफ शेख, शिकायतकर्ता की ओर से एड. राहुल धर्माधिकारी और सरकार की ओर से सरकारी वकील संजय डोईफोडे ने पक्ष रखा। उधर, अधिवक्ता राहिल मिर्जा ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। 

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