भूकंप के खतरे से दूर, सेफ जोन में है नागपुर- जीएसआई

भूकंप के खतरे से दूर, सेफ जोन में है नागपुर- जीएसआई

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-04 05:58 GMT
भूकंप के खतरे से दूर, सेफ जोन में है नागपुर- जीएसआई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अपर महानिदेशक डी. मोहन राज ने बताया कि  भूकंप के मामले में नागपुर देश में सबसे सेफ जोन में है, हालांकि भूकंप को पहले से प्रिडिक्ट नहीं किया जा सकता। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण मध्य क्षेत्र में खनिज संपदा तो है, लेकिन सोना होने की दूर-दूर तक संभावना नहीं हैै। मध्य क्षेत्र में अब बिल्कुल सोना नहीं है। इसके पूर्व मध्य क्षेत्र में आनेवाले मध्यप्रदेश के चकरिया, इमलिया व बुराटपहाड में सोना पाया गया था।

भारतीय भूवैज्ञानिक  सर्वेक्षण के अपर महानिदेशक डी. मोहन राज ने बताया 
मध्य क्षेत्र में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश आता है। यहां खनिज संपदा तो बहुत है, लेकिन सोना नहीं है। कर्नाटक में सोना होने की संभावना को देखते हुए तत्संबंधी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। आदिवासी बहुल गड़चिरोली व बस्तर में अकूत खनिज संपदा है, लेकिन यहां काम करना मुश्किल है।  

यह भी कहा
ध्य क्षेत्र में 2 ग्राम सोना मिलने की भी उम्मीद रही तो हम उत्खनन के लिए तैयार हैं। जिन 18 ब्लॉक की रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें 2 कर्नाटक के हैं। 30 ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया जारी है। इस अवसर पर जीएसआई के अपर महानिदेशक गडीसे विद्यासागर, निदेशक मिलिंद धकाते, पीआरआे संजय वानखेडे उपस्थित थे। 
 
अमरावती, लाेधीखेड़ा में भूकंप नहीं 
अमरावती जिले व मध्यप्रदेश के लोधीखेड़ा में भूकंप की जो खबरें आ रही थीं, वह निराधार हैं। इन दोनों जगह पर भूकंप के झटके नहीं थे। जमीन के भीतर थोड़ी हलचल हुई, जिसे भूकंप के झटके नहीं कहा जा सकता। 

40 साल से ज्यादा चल सकता है कोयला 
महाराष्ट्र में 11253.24 मिलियन टन कोयले का भंडार है। पूरे देश के लिए 40 साल से ज्यादा समय तक यह कोयला चल सकता है। इंजीनियरिंग जियोलॉजिकल स्टडी पर भी जोर दिया जा रहा है। एक हजार से ज्यादा इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। 

मध्य क्षेत्र को मिलेे हैं 54 अवार्ड 
बता दें कि उल्लेखनीय काम करने के लिए जीएसआई, मध्य क्षेत्र को 1999 से 2017 तक नेशनल जिआे साइंस के 54 अवार्ड मिल चुके हैं।

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