नागपुर पुलिस के ‘ऑपरेशन क्रेक डाउन’ की पोल खुली, 10 फीसदी आरोपी अपनी जगह से गायब
नागपुर पुलिस के ‘ऑपरेशन क्रेक डाउन’ की पोल खुली, 10 फीसदी आरोपी अपनी जगह से गायब
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस विभाग ने "ऑपरेशन क्रेक डाउन" अभियान शुरू किया है। सूत्रों के अनुसार, शहर पुलिस ने 15 दिन में इस अभियान के तहत 30 थानों की हद में 7253 आरोपियों की खोज-खबर ली। पुलिस का दावा है कि अपराधों के प्रमाण में कमी आ रही है, लेकिन पिछले एक सप्ताह में हत्या की दो वारदातों ने पुलिस के इस दावे की कलई खोल दी है।
तब बताई हकीकत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर बताया कि शहर से 5 से 10 फीसदी आरोपी "ऑपरेशन क्रेक डाउन" के दौरान निश्चित जगह पर नहीं मिले।
ऐसी है प्रक्रिया
शहर से बाहर रहने वाले आरोपियों की भी जानकारी ली गई। शहर से बाहर रहने वाले आरोपियों के बारे में पता लगाने के लिए स्थानीय पुलिस को संबंधित स्थान के एसपी (अधीक्षक ) के नाम पर "ए रोल" भेजना पड़ता है। "ए रोल" मिलने पर संबंधित क्षेत्र का एसपी उसे संबंधित थानेदार को भेजता है। "ए रोल" में संबंधित आरोपी के बारे में संपूर्ण जानकारी होती है।
थानेदार इसलिए परेशान सूत्र बताते हैं कि सभी थानेदारों को "ऑपरेशन क्रेक डाउन" के शुरू होने से अपराधियों का रिकार्ड भी तैयार करना पड़ रहा है।
पहले और अब में अंतर पुलिसकर्मियों पर अधिकारी शक करते थे कि वह आरोपियों की खोज-खबर लेने गया या नहीं, लेकिन अब तो रिकार्ड देना पड़ रहा है।
दावे में उतना दम नहीं "ऑपरेशन क्रेक डाउन" के तहत पुलिस परिमंडल 2, 3 और 4 में सबसे अधिक आरोपियों की जांच किए जाने का दावा किया जा रहा है। बता दें कि पुलिस परिमंडल 3 में गत दिनों मामूली से विवाद के चलते सुमित ढेरिया नामक युवक की हत्या कर दी गई।
ली खोज-खबर
पुलिस परिमंडल क्रमांक 1 में 15 दिन में 700, परिमंडल क्रमांक 2 में 1016, परिमंडल क्रमांक 3 में 2838, परिमंडल क्रमांक 4 में 1803 और परिमंडल क्रमांक 5 में 896 आरोपियों की खोज खबर ली गई।
कार्रवाई हुई
हत्या के मामले से जुड़े 545 आरोपियों की जानकारी हासिल की गई। इनमें से कई आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की। हत्या के प्रयास के 477, वाहन चोरी के 276, मारपीट के 1986, चेन स्नैचिंग के 151, सेंधमारी के 446, अन्य चोरी के 503 आरोपियों की जांच की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को थानेदारों ने रिपोर्ट दी। 1055 आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
"ऑपरेशन क्रेक डाउन" में काम नहीं करने वाले अधिकारियों- कर्मचारियों की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अभियान को शुरू इसीलिए किया गया है कि संबंधित पुलिस कर्मियों को आरोपियों के बारे में मालूमात मिलती रहे। वह यह जान सकें कि उनके क्षेत्र में रहने वाले आरोपी की क्या गतिविधियां शुरू हैं। (संभाजी कदम, पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा पुलिस विभाग नागपुर शहर)