नागपुर की स्कूलों ने फीस के नाम पर 250 करोड़ अतिरिक्त वसूले

नागपुर की स्कूलों ने फीस के नाम पर 250 करोड़ अतिरिक्त वसूले

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-24 09:25 GMT
नागपुर की स्कूलों ने फीस के नाम पर 250 करोड़ अतिरिक्त वसूले

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर के निजी सीबीएसई स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ अभिभावक (पालक) एकजुट हो गए हैं। पिछले दिनों ही अभिभावकों की शिकायत पर शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी और सख्त रवैया अपनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही, यह भी कहा था कि स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को आमने-सामने बैठाकर सुनवाई होगी।  सेंट उर्सुला स्कूल में राज्यमंत्री बच्चू कडू और शिक्षा उपसंचालक अनिल पारधि, माध्यमिक शिक्षाधिकारी डॉ. शिवलिंग पटवे की उपस्थिति में अभिभावकों ने एक बार फिर समस्याएं रखीं। इस दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। एक अनुमान के मुताबिक नागपुर के स्कूलों ने फीस के नाम पर अभिभावकों से 250 करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले हैं। इस मामले की जांच के लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई। विभाग स्कूलों का ऑडिट करेगा। वसूली गई फीस, पालकों की शिकायत के साथ सौंपे गए सबूत, नियमों का उल्लंघन हुआ या नहीं, ऐसे तमाम बिंदुओं पर जांच होगी।

जांच में लापरवाही हुई तो संबंधित अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
राज्यमंत्री बच्चू कडू ने चेतावनी दी है कि यदि जांच में जरा भी लापरवाही हुई, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। पिछली सुनवाई में राज्यमंत्री ने ज्यादा फीस लेने वाले स्कूलों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करा कर उनसे अतिरिक्त रकम वसूल करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही, प्रत्येक शिकायत पर सुनवाई करने का निर्णय लिया गया था। इसी के तहत शुक्रवार को पहली सुनवाई हुई। स्कूल बंद होने के बावजूद कम्प्यूटर, लाइब्रेरी, एक्टिविटी फीस के नाम पर रकम वसूली जा रही

शहर के निजी सीबीएसई स्कूलों में हर वर्ष 15-20% तक फीस बढ़ाई जाती है। साथ ही, किताबें, यूनिफॉर्म व अन्य सामग्री भी स्कूल से खरीदने का दबाव बनाया जाता है। स्कूल बंद होने के बावजूद कम्प्यूटर फीस, लाइब्रेरी फीस, एक्टिविटी फीस के नाम पर बड़ी रकम वसूली जा रही है। पिछले कुछ माह से अभिभावक संगठन स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।  लगातार चल रहे इस मामले में जब स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों से राहत नहीं मिली, तो अभिभावकों ने सरकार का दरवाजा खटखटाया। इस मामले को राज्यमंत्री बच्चू कडू ने गंभीरता से लिया है।

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