प्लेसमेंट की रेस में भी नागपुर यूनिवर्सिटी फिसड्‌डी,होनहार स्टूडेंट्स चुन रहे दूसरी राह

प्लेसमेंट की रेस में भी नागपुर यूनिवर्सिटी फिसड्‌डी,होनहार स्टूडेंट्स चुन रहे दूसरी राह

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-05 07:59 GMT
प्लेसमेंट की रेस में भी नागपुर यूनिवर्सिटी फिसड्‌डी,होनहार स्टूडेंट्स चुन रहे दूसरी राह

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  मध्य भारत का शिक्षा केंद्र होने के नाते नागपुर महत्वपूर्ण शहर है। 97 साल पुराना राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय किसी गौरव से कम नहीं। आईआईएम नागपुर और वीएनआईटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों की मौजूदगी भी इस शहर को शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बना देता है। 

इन दोनों संस्थानों की तुलना में नागपुर यूनिवर्सिटी कहीं ज्यादा पुराना है। ज्यादा प्राचीन और आर्थिक रूप से समृद्ध होने के बावजूद नागपुर विश्विवद्यालय की स्थिति परेशान करने वाली है। गुणवत्तापरक शिक्षा और प्लेसमेंट के मामले में नागपुर विश्वविद्यालय पिछड़ता जा रहा है। हर तरह से सक्षम होने के बावजूद यहां के विद्यार्थियों को बेहतर मौके नहीं मिल रहे हैं। एक ओर आईआईएम और वीएनआईटी जैसे विद्यार्थियों का वार्षिक पैकेज ही लाखों में है। नागपुर यूनिवर्सिटी से पढ़ कर प्लेसमेंट पाना ही सपने जैसा है।

प्लेसमेंट मिलता भी है तो वार्षिक वेतन इतना जितना आईआईएम और वीएनआईटी के विद्यार्थी एक माह में पा लेते हैं। यही कारण है कि होनहार और क्रीम समझे जाने वाले विद्यार्थी नागपुर यूनिवर्सिटी को पढ़ाई के लिए प्राथमिकता नहीं देते। नागपुर यूनिवर्सिटी की खराब नीतियों, अधिकारियों में इच्छाशक्ति की कमी और उद्योग जगत से न्यूनतम संपर्क के चलते यह स्थिति बन रही है। एनआईआरएफ रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर होने की एक वजह यह भी है। 

मैनेजमेंट
मैनेजमेंट विभाग की बात करें तो शैक्षणिक सत्र 2018-19 में 60 में से 37 विद्यार्थी ही पोस्ट ग्रेजुएट हो सके। इसमें से भी सिर्फ 32 विद्यार्थियों ही प्लेसमेंट मिला। इनका पैकेज 280000 रुपए रहा। वर्ष 2017-18 में बैच में कुल 59 विद्यार्थियों में से सिर्फ 25 पास हुए। 12 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिला। मीडियन सैलरी सिर्फ 250000 रुपए रही। वर्ष 2016-17 में प्रवेश लेने वाले 59 विद्यार्थियों में से 38 ने एक बार में डिग्री पूरी की। महज 25 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिला। इनका औसत सालाना वेतन (पैकेज) 2 लाख रुपए रहा। 
आईआईएम नागपुर की 2018-20 बैच के प्लेसमेंट पर नजर डालें तो संस्थान का प्लेसमेंट 100 प्रतिशत रहा। एक विद्यार्थी को 40 लाख रुपए तक का सर्वाधिक पैकेज मिला। पूरी बैच की औसत वेतन 13.10 लाख रुपए के करीब था। 

 इंजीनियरिंग - अंडरग्रेजुएशन-4 वर्षीय
वर्ष 2018-19 में 157 विद्यार्थियों में से सिर्फ 102 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिला। मीडियन सैलेरी 5 लाख रुपए रही। वर्ष 2017 में ग्रेजुएट होने वाले 158 में से सिर्फ 85 को कैंपस प्लेसमेंट मिला। मीडियन सैलरी 4.5 लाख रुपए रही। वर्ष 2016 में ग्रेजुएट होने वाले 149 विद्यार्थियों में से सिर्फ 58 को प्लेसमेंट मिला। पैकेज 4.5 लाख रुपए का िमला।

पोस्ट ग्रेजुएशन- दो वर्षीय
नागपुर विवि के पोस्ट ग्रेजुएशन का हाल और भी बुरा है। वर्ष 2018-19 में पोस्ट ग्रेजुएट होने वाले 34 में से सिर्फ 5 विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट मिला। मीडियन मीडियन सैलरी 5.5लाख रुपए रही। वर्ष 2017-18 में 42 विद्यार्थियों में से सिर्फ 1 को प्लेसमेंट मिला। मीडियन सैलरी 5.5लाख रुपए रही। वर्ष 2016-17 में ग्रेजुएट होने वाले 49 विद्यार्थियों में से महज 2 को प्लेसमेंट मिला। मीडियन सैलरी 5 लाख रुपए रही। 
वीएनआईटी के वर्ष 2018-19 का प्लेसमेंट देखें तो एक विद्यार्थी को अधिकतम पैकेज 23.86 लाख प्रति वर्ष था। पूरी बैच का एवरेज पैकेज 7.5 लाख प्रति वर्ष रहा। वीएनआईटी में 2018-19 में कुल 393 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिला। वर्ष 2017-16 में 401 और वर्ष 2016-17 में कुल 490 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिला। 

सुधारी जा रही है स्थिति 
नागपुर विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों का प्लेसमेंट सुधारने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। हमने हाल ही में विभाग प्रमुखों की बैठक ली है। प्रत्येक विभाग में एक प्लेसमंेट ऑफिसर नियुक्त किया गया है। ऐसे में आगामी समय में प्लेसमंेट के आंकडें और सुधरेंगे - डॉ.नीरज खटी, प्रभारी कुलसचिव नागपुर विवि

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