नालासोपारा हथियार बरामदगी मामला : सनातन संस्था ने आरोप पत्र को बताया झूठ का पुलिंदा

नालासोपारा हथियार बरामदगी मामला : सनातन संस्था ने आरोप पत्र को बताया झूठ का पुलिंदा

Tejinder Singh
Update: 2018-12-06 14:00 GMT
नालासोपारा हथियार बरामदगी मामला : सनातन संस्था ने आरोप पत्र को बताया झूठ का पुलिंदा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नालासोपारा हथियार बरामदगी मामले में एटीएस द्वारा दायर आरोपपत्र में नाम आने से नाराज सनातन संस्था ने इसे झूठ का पुलिंदा बताया है। सनातन संस्था का दावा है कि ‘क्षात्रधर्म साधना’ नामक किताब में हिंदू राष्ट्र शब्द का उल्लेख ही नहीं है। साथ ही उसका दावा है कि जिन लोगों को संगठन का सदस्य बताया जा रहा है उनमें से कोई सनातन का साधक नहीं है। सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन हंसराज ने कहा कि जिस ‘क्षात्रधर्म’ नाम की किताब को हिंदू राष्ट्र की प्रेरणा बताया जा रहा है, दरअसल वह भगवतगीता, रामायण, महाभारत जैसे धार्मिक ग्रंथों के श्लोकों को संग्रहित करके बनाया गया है।

यह किताब 20 साल पहले छापी गई थी और मांग के अभाव में 10 साल पहले ही इसकी छपाई बंद हो गई है। किताब सिर्फ राजा को उसका धर्म समझाती है। सच सामने लाने के लिए हम एक बार फिर इस किताब की छपाई कर लोगों को उपलब्ध कराएंगे। हंसराज ने आरोप लगाया कि मामले में एटीएस के पास ठोस सबूत नहीं हैं, इसलिए वह फर्जी कहानियां गढ़ रही है। हंसराज ने कहा कि एटीएस को यह बताने का भी साहस दिखाना चाहिए कि आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले जेहादी और नक्सलियों को कौन सी किताब से प्रेरणा मिलती है। 

आरोपियों से सनातन का संबंध नहीं

सनातन का दावा है कि गिरफ्तार आरोपियों में से कोई सनातन का साधक नहीं है। लेकिन वैभव राऊत, सुधन्वा गोंधलेकर, श्रीकांत पांगारकर और अविनाश पवार के अपने स्वतंत्र संगठन हैं और वे सनातन संस्था के कार्यक्रमों और आंदोलनों में शामिल होते रहे हैं। हंसराज के मुताबिक दूसरे पांच आरोपियों के नाम भी हमने उनकी गिरफ्तारी के बाद सुने। उन्होंने कहा कि जानबूझकर पकड़े गए लोगों के संगठन की बजाय  सनातन और हिंदू जनजागृति समिति का नाम लिया जा रहा है। 

लोकतांत्रिक तरीके से किया सनबर्न का विरोध

हंसराज ने कहा कि दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित सनबर्न फेस्टिवल का हमने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया था। आयोजकों ने किस तरह नियमों को ताक पर रखकर आयोजन किया, इस दौरान कैसे टैक्स चोरी की, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया, शराबबंदी कानून का उल्लंघन किया इसका हमने बार बार खुलासा किया है। हंसराज का दावा है कि सनातन ने किसी तरह की हिंसक गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आगामी चुनावों को देखते हुए ‘मालेगांव 2’ की साजिश रची जा रही है जिसके तहत एक बार फिर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के इशारे पर यह खेल चल रहा है लेकिन अदालत में हम खुद को निर्दोष साबित कर देंगे। 

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