महाराष्ट्र और तेलंगाना के 14 गांव के 5 हजार लोगों के नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में , दोनों जगह करते हैं मतदान

महाराष्ट्र और तेलंगाना के 14 गांव के 5 हजार लोगों के नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में , दोनों जगह करते हैं मतदान

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-08 06:19 GMT
महाराष्ट्र और तेलंगाना के 14 गांव के 5 हजार लोगों के नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में , दोनों जगह करते हैं मतदान

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। मतदाताओं को दो राज्यों में मतदान की अनुमति है यहां। सुनकर आश्चर्य भले हो, लेकिन  महाराष्ट्र और तेलंगाना सीमा पर बसे 14 गांवों में ये हकीकत है। इन गांवों के 5000 मतदाता दोनों राज्यों में मतदान करते हैं। उनके नाम दोनों राज्यों की मतदाता सूची में हैं। दोनों राज्यों ने उन्हें अपना मतदाता बताते हुए वोटर आई-डी कार्ड भी जारी किया है।

अपने-अपने हिस्से में मतदान करवाने के लिए दोनों राज्य सारे नियम ताक पर रख देते हैं। महाराष्ट्र की चंद्रपुर और तेलंगाना की आदिलाबाद लोकसभा सीट के प्रत्याशी अपना-अपना प्रचार करने भी गांव में आ रहे हैं। सामान्यत: एक मतदाता एक ही जगह मतदान कर सकता है।दो जगह नाम होना और वोट डालना अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन सब जानते हुए भी कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
 
मजे की बात तो यह है कि दोनों राज्यों के अफसर भी गांव में आकर अपने-अपने राज्य में मतदान करने को कह रहे हैं। हालांकि इस बार 11 अप्रैल को ही दोनों राज्यों की इन सीटों पर मतदान होने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मतदाता दोनों राज्यों में वोट डालने के लिए नए-नए रास्ते निकालने में लगे हुए हैं। 

दोनों राज्यों में मतदान करने वाले गांव
तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर बसे इन 14 गांवों के नाम हैं- मुकादमगुडा, परमडोली, परमडोली (तांडा), कोठा, लेंडीजाला, महाराजगुडा, शंकरलोधी, पद्मावती, अंतापुर, इंदिरानगर, येसापुर, पलसगुडा, भोलापठार और लेंडीगुडा।

आमने-सामने मतदान की व्यवस्था 
मतदान के समय दोनों राज्य अपने-अपने बनाए स्कूलों में ग्रामीणों को मतदान करने की सुविधा देते हैं। इस बार भी एक ही तारीख को मतदान करवाने के लिए स्कूलों में तैयारियां शुरू कर दी है।

पंचायत एक, सरपंच दो
इन 14 गांवों से संबंधित पांच पंचायतें हैं, लेकिन प्रत्येक पंचायत में दो-दो सरपंच हैं। एक तेलंगाना का, तो दूसरा महाराष्ट्र का जबकि सदस्य और ग्रामीण सब एक ही जगह के हैं। दोनों राज्य उन्हें पंचायत की अलग-अलग निधि भी उपलब्ध करवाते हैं। सामान्यत: महाराष्ट्र सरकार पंचायत को करीब 5 लाख, तो तेलंगाना सरकार 6 लाख रुपए की निधि देती है। 

हमारे बस की बात नहीं
8 दो जगह मतदान करना गैर-कानूनी है, लेकिन सीमा के उन गांवों को रोक पाना या उनसे संबंधित सवाल पर जवाब देना मेरे बस की बात नहीं। अच्छा है यह सवाल वरिष्ठ स्तर पर ही करें। मैं जवाब नहीं दे पाऊंगा।
-प्रशांत बेडसे, तहसीलदार

सालों से है समस्या
दो जगह वोट देना गैर-कानूनी है।  यह सालों से चली आ रही बड़ी समस्या है। इसके लिए हम लगातार तेलंगाना के वरिष्ठ अफसरों से बात कर रहे हैं। संबंधित गांव महाराष्ट्र का हिस्सा हैं। मुझे उम्मीद है इस बात का कोई हल निकलेगा।
-डॉ. कुणाल खेमनार, कलेक्टर, चंद्रपुर

 

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