नपा के लेट-लतीफ 40 कर्मियों की शामत

निरीक्षण नपा के लेट-लतीफ 40 कर्मियों की शामत

Anita Peddulwar
Update: 2022-12-03 11:29 GMT
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डिजिटल डेस्क, अकोट। अकोट नगर परिषद में हाल ही में कार्यरत मुख्याधिकारी नरेन्द्र बेंबरे ने देरी से आने वाले लेट-लतिफ अधिकारी-कर्मचारियों का निरीक्षण किया।  मुख्याधिकारी समय से पहले ही नगर परिषद में पहुंचे और कार्यालय में देरी से आनेवालों की पड़ताल की गई। पश्चात लेट लतीफ अधिकारी व कर्मचारियों की एक दिन की अनुपस्थिति लगाने के आदेश मुख्याधिकारी ने दिए। इस  कार्यवाही से नगर परिषद कर्माचारियों में खलबली मची है। अकोट नगर परिषद मुख्याधिकारी पद पर राज्य शासन ने 17 नवंबर के आदेश के तहत नरेन्द्र बेंबरे की नियुक्ति की है। उन्होंने दूसरे दिन नगर परिषद मुख्यधिकारी पद का प्रभार स्वीकार किया। पश्चात वे अवकाश पर गए। 

अवकाश का अवधि समाप्त होने के पश्चात नगर परिषद अकोट में आकर कामकाज को शुरूआत की। पश्चात 28 व 29 को नगर परिषद खिलाफ दाखिल मामलो में सुनवाई को उपस्थित रहे। जिससे वे अकोट में नहीं आ सके। लेकिन 1 दिसंबर को मुख्याधिकारी बेंबरे सुबह कार्यालयीन समय में नगर परिषद में पहुंचे तब उस समय कई अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में न पहुंचने का उन्हें दिखाई दिया। मुख्याधिकारी आने की जानकारी मिलते ही एक-एक कर्मचारी कार्यालय में पहुंचने लगे। तत्पूर्व मस्टर मुख्याधिकारी बेंबरे ने अपने कब्जे में लिया था। जिससे देरी से आने वाले अधिकारी, कर्मियों को मस्टर पर सिग्नेचर करते नहीं आई। अंत में देरी से आने वाले तकरीबन 40 से अधिक अधिकारी व कर्मचारियों की मुख्याधिकारी ने अनुपस्थिति लगाई।

कर्मचारियों ने लगाया दिमाग
मुख्याधिकारी नरेन्द्र बेंबरे ने लेट आने वाले अधिकारी-कर्मवारियों की एक दिन की अनुपस्थिति लगाने से वे सजग हुए। पुन: अनुपस्थिति न लगाने के लिए 2 दिसंबर को कार्यालय शुरू होने से पहले कार्यालय में उपस्थित रहे। मस्टर पर सिग्नेचर की। लेकिन उसके पश्चात कामकाज को शुरूआत न करते हुए कार्यालय से निकल जाने की चर्चा नप सर्कल में थी।

पालिका का कामकाज रामभरोसे {अकोट नगर परिषदे के तत्कालीन मुख्याधिकारी प्रशांत रोडे इनका तबादले के पश्चात वर्ष, डेढ़ वर्ष पूर्ण समय मुख्याधिकारी नहीं थे। प्रभारी के भरोसे पर नगर परिषदे का कामकाज शुरू था। पश्चात पूर्ण समय कार्यरत श्रीकृष्ण वाहुरवाघ, डा. मेघना वासनकर यह अप-डाऊन करते है। जिससे वे भी कार्यालयीन समय वर कभी पहुंचे नहीं। अपने अधिनस्त कर्मचारियों से समय पर आने की उम्मीद कैसे रखेंगे। जिससे उन्होंने इस ओर अनदेखी की। फलस्वरूप नगर परिषद अधिकारी, कर्मचारी समय पर कभी आते नहीं थे। कभी आना, कभी जाना शुरू था। छुट्टी न लेते हुए नदारद रहने का प्रकार सर्रास शुरू था। जिससे नगर परिषद का कामकाज प्रभावित हुआ था। नागरिकों को पालिका में आते ही वापस लौटना पड़ता था। नागरिक नप में चक्कर लगाकर परेशान हुए थे। मुख्याधिकारी बेंबरे ने तकरीबन ४० अधिकारी-कर्मचारियों की अनुपस्थिति लगाने से इसके पश्चात कार्यालयीन समय में उपस्थित रहकर नागरिकों के कामकाज होंगे ऐसी उम्मीद अकोटवासियों से व्यक्त हो रही है।
 

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