राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल, स्टूडेंट्स को ट्रैवल भत्ता के नाम पर थमाया मात्र 500 रुपए

राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल, स्टूडेंट्स को ट्रैवल भत्ता के नाम पर थमाया मात्र 500 रुपए

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-08 06:22 GMT
राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल, स्टूडेंट्स को ट्रैवल भत्ता के नाम पर थमाया मात्र 500 रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूथ अफेयर एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित "राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल 2019" में एक बड़ा विवाद सामने आया है। गुरुवार को महाराष्ट्र स्तरीय सम्मलेन के लिए नागपुर विभाग से 18 विद्यार्थियों का चयन हुआ था। विद्यार्थियों ने पुणे में आयोजित इस कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया। मगर वहां पहुंचने के बाद उन्हें ट्रैवल अलाउंस के नाम पर महज 500 रुपए थमाए गए, जबकि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें यात्रा का पूरा खर्च दिया जाना था। वक्त पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य समन्वयक को सूचना मिली कि विद्यार्थियों को औसत 500 रुपए ही यात्रा भत्ता देना है। विद्यार्थियों को इसकी जानकारी मिली तो उनके होश उड़ गए। इस प्रतियोगिता में नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा, चंद्रपुर और गड़चिरोली से कुल 18 विद्यार्थी शामिल हुए थे। 

राज्यस्तरीय प्रतियोगिता थी
सामाजिक विषयों पर  युवाओं की  सोच विकसित करने के उद्देश्य से यूथ अफेयर एवं खेल मंत्रालय ने "राष्ट्रीय युवा संसद फेस्टिवल 2019" की शुरुआत की है। इस उपक्रम के तहत देश के प्रत्येक जिले में 18 से 25 वर्ष तक के युवाओं के लिए मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया था। विद्यार्थी स्वच्छता, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, नमामी गंगे और ऐसी ही अन्य कई विषयों पर विद्यार्थियों ने अपनी राय रखी। इसके बाद उनका चयन राष्ट्रीय स्तर की यूथ पार्लियामेंट के लिए किया जाएगा। 

नुकसान नहीं होने देंगे
हम किसी भी विद्यार्थी का नुकसान नहीं होने देंगे। हमारे विद्यार्थियों के यात्रा खर्च स्वरूप सरकार द्वारा जो प्रतिपूर्ति दी गई है, यदि वह कम पड़े तो हम एनएसएस के फंड से विद्यार्थियों को भरपाई करेंगे। मैं संबंधित विश्वविद्यालय और कॉलेजों की एनएसएस यूनिट को निर्देश जारी करता हूं। 
- अतुल सालुंके, राज्य समन्वयक एनएसएस

पूरा खर्च न देने के पीछे का सच इस तरह 
राष्ट्रीय सेवा योजना (रासेयो) के सुवर्ण महोत्सव वर्ष के मौके पर फरवरी के दूसरे-तीसरे सप्ताह में पुणे में दो दिवसीय राज्य स्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में रासेयो के तमाम अधिकारियों और समन्वयकों  को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में राज्य शिक्षा मंत्री विनोद तावडे स्वयं उपस्थित रहेंगे। अधिकारियों को इस दौरान रासेयो के विविध उपक्रमों की  जानकारी दी जाएगी। लेकिन इस कार्यक्रम के लिए रासेयो समन्वयकों को यात्रा भत्ता नहीं दिया गया है, बल्कि रासेयो की विविध यूनिटों के लिए जो साल भर का फंड आता है, उसी में से यात्रा पर खर्च करने के लिए कहा गया है। 

अन्य कामों के लिए कम पड़ जाएगा फंड
स्थानीय समन्वयकों की मानें तो रासेयो में पहले ही काफी कम फंड आता है, यदि उसमें से भी पुणे आने जाने के लिए खर्च करेंगे तो फिर साल भर की गतिविधियों के लिए फंड कम पड़ जाएगा। बता दें कि रासेयो में प्रत्येक विद्यार्थी पर एक कॉलेज को 200 रुपए दिए जाते हैं। इसके अनुसार 50 विद्यार्थियों की एक यूनिट को 10 हजार तो 100 विद्यार्थियों की यूनिटी पर 20 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसमें से संबंधित यूनिट का साल भर का खर्च होता है। ऐसे में इसमें से भी यात्रा के लिए खर्च करने पर एनएसएस की स्थानीय यूनिटी की साल भर का बजट गड़बड़ाने का दावा समन्वयकों की ओर से किया जा रहा है। 

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