विधानसभा चुनाव पर नक्सलियों का खतरा, ITBP की एक कंपनी पहुंची सतना, चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर

विधानसभा चुनाव पर नक्सलियों का खतरा, ITBP की एक कंपनी पहुंची सतना, चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-14 11:58 GMT
विधानसभा चुनाव पर नक्सलियों का खतरा, ITBP की एक कंपनी पहुंची सतना, चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर

डिजिटल डेस्क, सतना। आगामी विधानसभा चुनाव में चप्पे-चप्पे पर जवानों की नजर रहेगी। चुनाव के दौरान जो भी शांति भंग कराता है या फिर विवाद की स्थिति निर्मित करता है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के मकसद स ITBP की एक कंपनी सतना पहुंची है। टीम में शामिल सदस्यों को सख्त निर्देश भी दिए गए हैं कि शांति भंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा निर्वाचन को निर्विघ्न रूप से सम्पन्न कराने के लिए आईजी उमेश जोगा द्वारा चुनाव आयोग को पत्र लिखकर केन्द्रीय अद्र्ध सैनिक  बलों की कम्पनियां उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था, जिस पर अमल शुरू हो गया है। पहले चरण में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की एक कम्पनी शनिवार दोपहर को अन्त्योदय स्पेशल ट्रेन से सतना पहुंच गई। 91वें सदस्यीय कम्पनी का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट बरमेश्वर खरवार कर रहे हैं। पटना से इलाहाबाद होते हुए यहां आई कम्पनी को सतना सीमेंट के कम्यूनिटी हाल में रूकवाया गया है। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर के निर्देश पर सुबेदार अनिमा तिर्की ने आगामी आदेश तक इन जवानों को अस्थाई ठिकाने तक पहुंचाया और उनके भोजन की व्यवस्था भी कराई।

चेक प्वाइंटों पर रखेंगे नजर
इस कम्पनी का इस्तेमाल जिले की सीमा पर बनाए गए चेक प्वाइंटों पर किया जा सकता है। बताया जाता है कि चुनाव के दौरान विभिन्न जिलों की सीमा से संदिग्ध प्रवेश करते हैं, जो चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था भंग कराते हैं। चेक प्वाइंटों पर तैनात होकर ये जवान हर संदिग्ध पर नजर रखेंगे और हर वाहनों की चेकिंग के साथ-साथ सख्ती से पूछताछ की करेंगे।

चुनाव पर नक्सलियों का खतरा
अब आने वाले दिनों में केन्द्रीय अद्र्धसैनिक बल और राज्य की विशेष सशस्त्र बल की कम्पनियों के आने का सिलसिला चलता रहेगा। जहां संभागीय मुख्यालय के साथ औद्योगिक नगरीय के रूप में प्रसिद्ध सतना की उत्तरप्रदेश से लगी सीमा दस्यु प्रभावित है, वहीं सिंगरौली में नक्सलियों का खतरा मंडरा रहा है। लिहाजा आईजी ने अतिरिक्त फोर्स की मांग भेजी थी। बताया जाता है कि चुनाव नक्सलियों द्वारा चुनाव को प्रभावित किया जा सकता है, जिसके कारण अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई है।

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