नक्सलियों का खौफ: 3 ग्रामीणों की हत्या के बाद पुलिस स्टेशन में रह रहा पूरा गांव

नक्सलियों का खौफ: 3 ग्रामीणों की हत्या के बाद पुलिस स्टेशन में रह रहा पूरा गांव

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-24 08:16 GMT
नक्सलियों का खौफ: 3 ग्रामीणों की हत्या के बाद पुलिस स्टेशन में रह रहा पूरा गांव

डिजिटल डेस्क, भामरागढ़ (गड़चिरोली)। नक्सलियों द्वारा गड़चिरोली जिले के कसनासुर गांव के तीन लोगों की हत्या किए जाने के बाद कसनासुरवासी दहशत में है और ये लोग अब  पुलिस की पनाह में दिन गुजार रहे हैं। ग्रामीणों ने ताड़गांव पुलिस चौकी में शरण ले रखी है। नक्सलियों की दहशत इतनी है कि मंगलवार देर शाम कसनासुर के 120 ग्रामीणों ने ताड़गांव में ही मृतकों का अंतिम संस्कार किया। सोमवार देर रात बंदूकधारी नक्सलियों ने कसनासुर निवासी मालु दोगे मडावी, कन्ना रैनू मडावी और लालसु मासा कुडयेटी की हत्या कर दी थी।

गांव के पास फेंक दिए थे शव
नक्सलियों ने उनके शव भामरागढ़-आलापल्ली महामार्ग के कोसपुंडी गांव के पास फेंक दिए थे। घटना की रात में ही गांव के सभी 120 ग्रामीण सुरक्षा की दृष्टि से ताड़गांव पुलिस केंद्र की पनाह में है। गांव के सभी लोगों के पुलिस थाने में निवासी रूप से रहने के कारण क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने जीवनावश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करना शुरू कर दी है तहसीलदार कैलास अंडिल ने बुधवार को चावल समेत अन्य सामग्रियों की आपूर्ति पुलिस थाने में की। वहीं पुलिस विभाग भी ग्रामीणों को सुबह की चाय समेत दोपहर का भोजन, नाश्ता व रात का भोजन परोस रहा है। 

भामरागढ़ के उपविभागीय पुलिस अधिकारी तानाजी बरडे ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से गांव के नागरिकों ने ताड़गांव थाने में पनाह ली है। ग्रामीण दहशत में होने के कारण उनकी मनस्थिति ठीक नहीं है। वे जब तक यहां रहना चाहे रह सकते हैं। उनके लिए पुलिस विभाग सारी सुविधा उपलब्ध करा रहा है। 

इधर प्रधानमंत्री कह रहे- नक्सलवाद खत्म करने में सरकार सफल 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गड़चिरोली के 6 हजार भाजपा कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रू-ब-रू होते हुए कहा कि देश से नक्सलवाद खत्म करने में भाजपा सरकार पूरी तरह सफल हुई है। अब तक के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में जिस तरह विकास के कार्य किए हैं, उससे यह साफ है कि नक्सलियों का जनाधार कम हो रहा है। गड़चिरोली जिले में भी नक्सलियों का आधार क्षेत्र बड़े पैमाने पर समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार वर्ष में विकास की गति बढ़ने के कारण ही नक्सली बैकफुट पर हैं।  

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