भारत का पहला इंटर जनरेशनल लर्निंग सेंटर नोएडा में खुला

भारत का पहला इंटर जनरेशनल लर्निंग सेंटर नोएडा में खुला

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-15 09:18 GMT
भारत का पहला इंटर जनरेशनल लर्निंग सेंटर नोएडा में खुला

डिजिटल डेस्क, नोएडा। भारत का पहला इंटरजनरेशनल लर्निंग सेंटर नोएडा के सेक्टर-16 के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में खोला गया है। गुरूवार को हिंदी दिवस के अवसर पर इस लर्निंग सेंटर का उद्धाटन किया गया। इस लर्निंग सेंटर को हेल्दी एजिंग इंडिया और गांधी स्मृति एंड दर्शन समिति के साथ मिलकर खोला गया है। इस लर्निंग सेंटर का उद्देश्य छात्रों को शिक्षित करने के साथ-साथ लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य तीन पीढ़ियों के बीच लिंक स्थापित करना है। 

लर्निंग सेंटर के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् और IGNCA के निदेशक राम बहादुर ने इसे बहुत अच्छा प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इस सेंटर की मदद से वरिष्ठ नागरिकों के ज्ञान को नई युवा पीढी़ में ट्रांसफर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये दो पीढ़ियों में सामंजस्य बनाए रखने में काफी सफल साबित होगा। 

आईजीएलसी उद्घाटन समारोह के दौरान लोकेश गुप्ता (रोटरी क्लब के अध्यक्ष), श्रीमती जयश्री दुबे, श्री पंपोश कुमार, (वैज्ञानिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग), श्री राजीव दुगल, (कार्यकारी डायरेक्टर टाइम्स फाउंडेशन) आदि अतिथि के रुप में मौजूद थे।

रोटरी क्लब दक्षिण दिल्ली के अध्यक्ष श्री लोकेश गुप्ता ने बताया कि रोटरी क्लब सामाजिक विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और पोलियो के उन्मूलन की भूमिका निभाई है। उन्होंने आईजीएलसी के लिए रुचि और समर्थन दिखाया है और कहा कि इस तरह की परियोजना को बड़े पैमाने पर लिया जाना चाहिए।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्री, महेश चन्द्र को आमंत्रित किया गया था। वो इसमें शामिल नहीं हो सके लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपना संदेश और सम्मान भेजा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में आईजीएलसी को एक प्रतिकृति शैक्षणिक मॉडल की बैठक के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईजीएलसी की सफलता के आधार पर, संस्कृति मंत्रालय पूरे देश में आईजीएलसी मॉडल को बढ़ावा और प्रतिरूप बनाने के लिए उत्साहित है।

प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर आईजीएलसी, नोएडा मिस पुष्पला भारद्वाज ने जोर देकर कहा कि वर्तमान भारतीय जनसांख्यिकी युवा पीढ़ी का है और युवाओं को जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता का दोहन करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए क्योंकि युवाओं में ऊर्जावान, कामकाजी और राष्ट्रों की ऊर्जाजनित पीढ़ी है। उन्होंने ध्यान दिया कि युवाओं को उनके दिल का झुकाव का पालन करना चाहिए और देश के लिए रचनात्मक भारत का सपना साकार करने के लिए जो कुछ भी अच्छा और अच्छा लगता है उसे करना चाहिए।

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