RTE : फिर सामने आई गड़बड़ी, एडमिशन पत्र पर चंद्रपुर शिक्षाधिकारी के हस्ताक्षर

RTE : फिर सामने आई गड़बड़ी, एडमिशन पत्र पर चंद्रपुर शिक्षाधिकारी के हस्ताक्षर

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-29 10:42 GMT
RTE : फिर सामने आई गड़बड़ी, एडमिशन पत्र पर चंद्रपुर शिक्षाधिकारी के हस्ताक्षर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  RTE प्रवेश प्रक्रिया में लापरवाही का एक और नया मामला सामने आया है। ड्रॉ में नंबर लगने के बाद चंद्रपुर शिक्षणाधिकारी के हस्ताक्षरयुक्त प्रवेश पत्र दिए गए। गलती ध्यान में आने के बाद वाइटनर लगाकर नागपुर के शिक्षणाधिकारी ने हस्ताक्षर कर संशोधित प्रवेशपत्र दिए। बालकों के नि:शुल्क तथा सख्ती के शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन करने पर आरक्षित सीट भरने के लिए ड्रॉ निकाल कर चयन किया गया। ड्रॉ में नंबर लगने वालों को शिक्षा विभाग की ओर से आवश्यक मूल दस्तावेज वेरिफिकेशन कमेटी के पास पेश करने की शर्त पर प्रवेश पत्र दिए गए। इन प्रवेश पत्रों पर पूर्व शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे के हस्ताक्षर हैं। अनेक स्कूल RTE  प्रवेश देना चाहते ही नहीं हैं। उनके लिए प्रवेश नकारने का मौका चलकर आया है। शिक्षा विभाग की लापरवाही से पालक नाहक परेशान हो रहे हैं।

शिक्षा विभाग की लीपापोती
नागपुर के प्रवेश पत्रों पर चंद्रपुर के शिक्षाणाधिकारी के हस्ताक्षर मामले में शिक्षा विभाग लीपापोती कर रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि, यह गलती हमारी नहीं है। प्रवेश पत्र पर जो हस्ताक्षर हैं, वह स्कैन किए गए हैं। पूर्व शिक्षणाधिकारियों के हस्ताक्षर स्कैन कर प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं। यह एनआईसी की गलती से हुआ है। संपूर्ण महाराष्ट्र में यह गड़बड़ी हुई है। दीपेंद्र लोखंडे नागपुर के पूर्व जिला शिक्षाणाधिकारी हैं। फिलहाल चंद्रपुर जिला शिक्षणाधिकारी पद पर कार्यरत हैं। चिंतामण वंजारी नागपुर जिला शिक्षणाधिकारी के कमान संभाले हुए हैं।

गड़बड़ी और भी  
RTE  प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ियों की लंबी फेहरिस्त है। ऑनलाइन आवेदन भरने की प्रक्रिया से शुरू हुआ गड़बड़ी का सिलसिला निरंतर जारी है। स्कूलों से फीस वसूली, वेरिफिकेशन कमेटी से पात्र ठहराने के बावजूद मूल दस्तावेज जमा करने पर स्कूलों के अड़े रहना, पालकों से स्टैंप पेपर पर शपथपत्र लिखवा लेना, मैपिंग में खामियां, पिता की आय तथा जाति प्रमाणपत्र की अनिवार्य शर्त आदि कारणों से नंबर लगने के बाद भी अनेक बालकों को शिक्षा के अधिकार से हाथ धोना पड़ रहा है।

अब भी यह समस्या
1. आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में गलत मैपिंग एक बड़ी समस्या है। सूत्रों से पता चला कि, ऐसे अनेक मामले सामने आ रहे हैं, जिनका घर और स्कूल का अंतर एक किलोमीटर से कम है, परंतु गलत मैपिंग के चलते उन्हें प्रवेश नकारा गया है।
2. एक ही आवेदक के घर और स्कूल का अंतर बार-बार नापने पर हर बार अलग-अलग अंतर बताया जा रहा है। इस तकनीकी गड़बड़ी से अनेक बालकों पर प्रवेश से वंचित रहने की नौबत आ रही है। 
3. पहले चरण में नंबर लगने के बाद प्रवेश नहीं लेने वालों के नाम प्रक्रिया से हटा दिए जाएंगे। मैपिंग में गड़बड़ी तथा अंतर नापने की तकनीकी खामियाें के चलते प्रवेश नकारे जाने वालों को दूसरे चरण में मौका नहीं मिलने से प्रवेश से वंचित रह जाएंगे। 

NIC की गलती
प्रवेश पत्रों पर गलती से पूर्व शिक्षणाधिकारी के हस्ताक्षर स्कैन हुए थे। वाइटनर लगाकर उसे मिटाया गया और नए हस्ताक्षर कर दिए गए हैं। एनआईसी की गलती से संपूर्ण महाराष्ट्र में यह समस्या हुई है।
-चिंतामण वंजारी, जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक)

तकनीकी समस्या 
आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में त्रुटियों को सुधारने के संबंध में शिक्षणाधिकारी के साथ बैठक में चर्चा कर आदेश दिए जा चुके हैं। जो गलतियां हुई हैं, वह तकनीकी समस्या है।
-शाहिद शरीफ, चेयरमैन, आरटीई एक्शन कमेटी
 

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