बांबे हाईकोर्ट में नीट एग्जाम विवाद की सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

बांबे हाईकोर्ट में नीट एग्जाम विवाद की सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-12 06:42 GMT
बांबे हाईकोर्ट में नीट एग्जाम विवाद की सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नीट एग्जाम को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में छात्रा वैष्णवी मनियार की याचिका पर  सभी पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रख दिया है। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। छात्रा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि, 6 मई को हुए नेशनल इजिबिलिटी एट्रेंस टेस्ट (नीट) में उसने नागपुर के हुड़केश्वर स्थित आदर्श संस्कार विद्यालय में परीक्षा दी थी, लेकिन यहां परीक्षा में भारी अनियमिताएं की गई हैं। आरोप है कि सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक की इस परीक्षा में परीक्षा पर्यवेक्षक के आने के बाद सुबह 10.30 बजे ही प्रश्न पत्रों का लिफाफा खोला दिया गया। 

सीबीएसई ने खारिज किए सभी आरोप 
छात्रा के अनुसार ऐसी स्थिति में परीक्षार्थियों को दोपहर 1.30 बजे तक का समय दिया जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं किया गया। उन्हें केवल 1 बजे तक का ही समय दिया गया। उसने याचिका में प्रार्थना की थी कि, आधे घंटे के हर्जाने स्वरूप उसे कुछ अंक बोनस के तौर पर दिए जाएं।  मामले में सीबीएसई ने कोर्ट को दी अपनी सफाई में छात्र के आरोप खारिज किए। सीबीएसई ने दावा किया कि, एग्जाम के नियोजन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। मामले में जिलाधिकारी पहले ही अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने एग्जाम में देर होने का उल्लेख किया है। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुन लिया है। जल्द की कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है। छात्रा की ओर से एडवोकेट मुग्धा चांदुरकर ने पक्ष रखा। 

इस छात्रा को भी मिली राहत 
नीट एग्जाम से जुड़ी एक अन्य याचिका खुशबू घोंघाडे नाम की एक छात्रा ने नागपुर खंडपीठ में दायर की है। छात्रा के अनुसार उसने नीट एग्जाम पास कर लिया, मगर एडमिशन के लिए उसके द्वारा भरा गया फॉर्म इस कारण खारिज हो गया, क्योंकि उसने 10वीं कक्षा महाराष्ट्र से नहीं बल्कि अन्य राज्य से उत्तीर्ण की थी। मामले में स्टूडेंट का पक्ष सुनकर चिकित्सा शिक्षा एवं शोध संचालनालय  (डीएमईआर) द्वारा आवेदन निरस्त करने के फैसले पर रोक लगा दी। कोर्ट ने डीएमईआर को छात्रा का आवेदन स्वीकारने के आदेश दिए हैं। यह मामला कोर्ट के अंतिम आदेश के तहत रहेगा। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट देवेंद्र चौहान और गौरव गौर ने पक्ष रखा।

 

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