तीर्थ स्थल नहीं अब महापुरुषों के स्मारकों को बढ़ावा देने की पहल 

तीर्थ स्थल नहीं अब महापुरुषों के स्मारकों को बढ़ावा देने की पहल 

Tejinder Singh
Update: 2018-05-27 08:04 GMT
तीर्थ स्थल नहीं अब महापुरुषों के स्मारकों को बढ़ावा देने की पहल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। तीर्थस्थल के नाम पर चारो धाम जाने की धारणा को बदलने की दिशा में मुंबई की भगत सिंह स्मृति समिति ने एक सार्थक पहल की है। समिति अपने मार्गदर्शन में राज्य भर के 25 लोगों को मुंबई स्थित डॉ. बाबा साहब आंबेडकर के चैत्यभूमि स्मारक, दिल्ली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की राजघाट में स्थित समाधी व पंजाब के हुसैनीवाला में स्थित शहीद भगत सिंह की समाधी व जलियावाला बाग को दिखाया जाएगा। समिति ने इस यात्रा को राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा का नाम दिया है।

नए भारत के तीर्थस्थल बनाने की कवायद
यात्रा में शामिल होनेवाले व यात्रा के आयोजन से जुड़े मुंबई निवासी विवेक कोर्डे ने बताया कि हम आज की युवा पीढी को देश के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वालों के बारे में बताना चाहते हैं। इस तरह की यात्रा के माध्यम से यह काम बेहतर तरीके से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि लोग यात्रा के नाम पर चारधाम की यात्रा पर जाते हैं। हम चाहते है कि शहीद भगत सिंह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधी व चैत्यभूमि आधुनिक भारत के नए तीर्थ स्थल बने। 19 अगस्त से शुरु होनेवाली इस यात्रा में 18 से 65 वर्ष के लोग शामिल हो रहे हैं। पिछले दिनों हमने यात्रा को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया था। इस कार्यशाला के बाद 25 लोग हमारे साथ देश के आधुनिक भारत के तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए तैयार हुए। इन 25 यात्रियों में से दो लोग नागपुर के हैं।

राष्ट्र नायकों के जीवन से जुड़ी बातों का होगा बखान
इस यात्रा के दौरान हम लोगों को भगत सिंह, डॉ. बाबा साहब आंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व से जुड़े सभी पहलुओं से अवगत कराएगें। इसके साथ ही यात्रा में शामिल होनेवाले लोगों को इन तीनों महापुरुषों से जुड़ा साहित्य भी वितरित किया जाएगा। कोर्डे ने बताया कि हमारी अपेक्षा है कि आनेवाले समय में ज्यादा से ज्यादा लोग हमसे जुड़े ताकि राष्ट्रीय एकात्माता यात्रा के जरिए देश की एकता व अखंडता को और मजबूत किया जा सके और सामाजिक सौहार्द बेहतर बनाया जा सके।

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