43 करोड़ की रायल्टी वापसी में नया पेंच, दावा परीक्षण के बाद - कलेक्टर कमेटी करेगी भारी रकम का समायोजन  

43 करोड़ की रायल्टी वापसी में नया पेंच, दावा परीक्षण के बाद - कलेक्टर कमेटी करेगी भारी रकम का समायोजन  

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-14 12:48 GMT
43 करोड़ की रायल्टी वापसी में नया पेंच, दावा परीक्षण के बाद - कलेक्टर कमेटी करेगी भारी रकम का समायोजन  

डिजिटल डेस्क सतना।  जिले के एक सीमेंट संयंत्र को 43 करोड़ रुपए की रायल्टी वापस करने के मामले में नई पेंच फंस गई है। राज्य शासन के खनिज संचालनालय ने इस संदर्भ में यहां के कलेक्टर को समिति बनाकर सीमेंट प्रबंधन के दावे का सत्यापन कराने और परीक्षण के बाद रायल्टी को समायोजित किए जाने की व्यवस्था दी है। इस मसले पर कलेक्टर ने शासन से मार्गदर्शन मांगा था। जिला स्तर पर गठित की जाने वाली कमेटी में वित्त विभाग के एक अधिकारी के अलावा जिला स्तर के एक अन्य अधिकारी को शामिल किया जाएगा। कुल मिला कर मामले का निपटारा अब यही समिति करेगी।  
क्या है पूरा मामला :---------
भोपाल से भास्कर ब्यूरो के मुताबिक  जिले में पहले मैहर सीमेंट वक्र्स कंपनी हुआ करती थी जिसे अब मेसर्स अल्ट्राटेक कंपनी ने टेकओवर कर लिया है। इस कंपनी की 78 करोड़ रुपये की रायल्टी राशि पर वर्ष 1983 से विवाद था। इसमें से 35 करोड़ रुपये की राशि कंपनी को वापस हो चुकी है तथा अब 43 करोड़ रुपये की राशि अभी और वापस की जानी है। हाईकोर्ट के आदेश पर एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट को नियुक्त कर इस मामले का आडिट कराया गया था, जिसमें  पाया गया कि  कंपनी ने स्वयं के द्वारा उत्पादित लाइम स्टोन पर तो रायल्टी दे दी परन्तु बाहर से खरीदे गये लाइम स्टोन पर कहा उसकी जवाबदारी रायल्टी भुगतान हेतु नहीं बनती है। सीए ने आडिट में इसके सभी कागजात भी सही पाए। 
 कलेक्टर ने मांगा था मार्गदर्शन :------------ 
जब मामला शेष 43 करोड़ रुपये कंपनी को वापस करने का बना तो यहां कलेक्टर ने खनिज संचालनालय से मार्गदर्शन मांग लिया।   खनिज संचालनालय ने मंगलवार को सतना कलेक्टर को कहा कि वह अभी इस राशि का भुगतान न करें।  पहले एक कमेटी बनाकर इस मामले का परीक्षण कराएं तथा कमेटी की अनुशंसा पर भुगतान की कार्यवाही करें। जिला स्तर पर गठित की जाने वाली कमेटी में वित्त विभाग का एक अधिकारी तथा एक अन्य जिला स्तर का अधिकारी रखने के लिये कहा गया है। जिस सीए ने इस मामले का आडिट किया था तो उसे उसके पारिश्रमिक का भुगतान करने का प्रस्ताव भी अलग से भेजने के लिये खनिज संचालक ने कहा है। अब कमेटी की अनुशंसा पर ही बकाया राशि का निपटारा होगा।  बकाया राशि का भुगतान सीधे कंपनी को नहीं किया जाएगा, बल्कि इसका समायोजन रायल्टी की आगामी किश्तों के रुप में किया जाएगा।  
इनका कहना है :----
रायल्टी के मद में बड़ी रकम की वापसी के कारण शासन से मार्गदर्शन मांगा गया गया था। जल्दी ही कमेटी बनाकर दावे का परीक्षण कराते हुए शेष राशि  रायल्टी की आगामी किश्तों के रुप में समायोजित कराई जाएगी। 
 अजय कटेसरिया,कलेक्टर

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