पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : अन्ना हजारे की गवाही के लिए अनुमति से हाईकोर्ट का इंकार

पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : अन्ना हजारे की गवाही के लिए अनुमति से हाईकोर्ट का इंकार

Tejinder Singh
Update: 2018-10-22 15:23 GMT
पवनराजे निंबालकर हत्याकांड : अन्ना हजारे की गवाही के लिए अनुमति से हाईकोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को निचली अदालत को यह निर्देश देने से इंकार कर दिया है कि वह  कांग्रेस नेता पवनराजे निंबालकर हत्याकांड के मामले में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अभियोजन पक्ष के गवाह के रुप में अदालत में बुलाए। राजनीतिक वैमनस्य के चलते साल 2006 में निंबालकर की हत्या कर दी गई थी। न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद निंबालकर की पत्नी आनंदी देवी की ओर से दायर आवेदन को खारिज कर दिया।

इससे पहले निचली अदालत ने इस प्रकरण में श्री हजारे को सीबीआई के आग्रह पर गवाह के रुप में बुलाने से इंकार कर दिया था। आनंदी देवी ने निचली अदालत के इस आदेश को आवेदन दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आवेदन में दावा किया गया था कि हजारे इस मामले के महत्वपूर्ण गवाह हैं। उन्हें मेरे पति (निंबालकर) की हत्या को लेकर पूर्व मंत्री व मामले में आरोपी पद्मसिंह पाटिल द्वारा रची गई साजिश के बारे में जानकारी थी। आवेदन में यह भी दावा किया गया था कि पाटिल ने हजारे की भी हत्या की साजिश रची थी। 

आवेदन खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि हजारे मामले के कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ कथित साजिश के बारे में सुना था। हमारे सामने कोई भी ऐसा रिकार्ड नहीं है जो यह दर्शाए कि हजारे को निंबालकर की हत्या की साजिश के बारे में व्यक्तिगत रुप से जानकारी थी। ऐसे में हमे महसूस नहीं होता है कि इस प्रकरण में हजारे की गवाही उपयोगी साबित हो सकती है। हजारे मुझे इस मामले के लिए जरुरी गवाह नजर नहीं आते। इसके अलावा मामले को लेकर निचली अदालत ने आरोपी पाटील पर जो आरोप तय किए हैं, उसमे आवेदनकर्ता ने जिस षडयंत्र का उल्लेख किया है, उसका भी जिक्र नहीं है। जहां तक बात हजारे को साल 2002 में पाटील व अन्य आरोपियों द्वारा धमकाने की है तो वह एक अलग अपराध है। गौरतलब है कि पाटील फिलहाल इस मामले में जमानत पर रिहा हैं। इस प्रकरण में पाटील सहित कुल नौआरोपी है। 

 

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