नौकरी के पीछे भागने की बजाय बिजनेसमैन बनकर लोगों को रोजगार देने वाला बनें : गडकरी

नौकरी के पीछे भागने की बजाय बिजनेसमैन बनकर लोगों को रोजगार देने वाला बनें : गडकरी

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-29 14:17 GMT
नौकरी के पीछे भागने की बजाय बिजनेसमैन बनकर लोगों को रोजगार देने वाला बनें : गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने युवाआें को नौकरी (रोजगार) के पीछे भागने की बजाय बिजनेसमैन बनकर लोगों को नौकरी (रोजगार) देनेवाला बनने का आह्वान किया। देश के युवाआें में क्षमता की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही अवसरों की कमी है।  श्री गडकरी ने जिले के लोणार गांव स्थित सेंट्रल इंडिया ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन डी. फार्मसी की इमारत के उद्घाटन अवसर पर स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश धनवान है, लेकिन यहां की जनता गरीब है। क्योंकि हमारे देश ने समय रहते सही नीति अपनाई नहीं। रोजगार का अर्थ स्वयंरोजगार भी होता है। हमें रोजगार पानेवाला बनने की बजाय रोजगार देनेवाला बनना चाहिए। स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि वकालत की डिग्री प्राप्त करने के बाद मां बैंक अधिकारी बनते देखना चाहती थी आैर बहनें वकील बनता देखना चाहती थी। मैंने रोजगार देनेवाला बनने की ठानी आैर अब तक 15 हजार लोगों को राेजगार प्रदान कर चुका हूं। 

अवसरों की नहीं कोई कमी
उन्होंने कहा कि अमेरिका में अधिकांश डाक्टर व साफ्टवेयर इंजीनियर भारतीय हैं। 10 में से 4 डाक्टर भारतीय हैं। इंग्लैंड में अगर कोई बीमार पड़ता है तो भारतीय डाक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है। ये हमारी देश की क्षमता को दर्शाता है। अगर हम ठान ले तो अवसरों की कमी नहीं है। हममे काम करने की जिद होनी चाहिए। नागपुर मनपा टायलेट का पानी बेचकर भी 80 करोड़ का राजस्व कमा रही है। यह स्किल नॉलेज व इनोवेशन का दौर है। कॉलिटी, उद्देश्य व स्पष्टता है तो लोग आपके पास आएंगे। शार्टकट से जीवन में सफलता नहीं मिलती। हाल ही में एक युवक ने गैस सिलेंडर से कपडे प्रेस करने का सफल प्रयोग किया।

नागपुर में चीनी से डिटर्जंट, शैम्पू व फैशवाश बना रहे है। जिसकी विदेश में काफी मांग है। थोड़ा सा दिमाग लगाकर वेस्ट (खराब चीज) को भी वेल्थ (संपति) में बदल सकते है। समाज में बेटा-बेटी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज आैर डी. डीए जी. के. वाय को सीखो व कमाआे योजना के तहत 12 सौ छात्रों के एक करोड़ की छात्रवृत्ती की पहली किश्त प्रदान की। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित बी किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के न्या. जेड. ए. हक, ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, पूर्व मंत्री अनीस अहमद, विधाक सुनील केदार उपस्थित थे।

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