बाघिन एनकाउंटर पर गडकरी बोले- उनके बारे में भी बोलते जिन लोगों को बाघिन ने मारा
बाघिन एनकाउंटर पर गडकरी बोले- उनके बारे में भी बोलते जिन लोगों को बाघिन ने मारा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल जिले में अवनी नामक बाघिन के एनकाउंटर मामले को लेकर विरोधियों पर भूतल परिवहन मंत्री जमकर बरसे। गडकरी ने कहा है कि बाघिन को मारने को लेकर हो रही राजनीति दुखद है। वे स्वयं पूरे मामले को लेकर दुखी है। वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा कि जो लोग बाघिन की मौत पर आंसू बहा रहे हैं उन्होंने उन परिवारों के बारे में भी कुछ बोलना चाहिए जिनके लोगों को बाघिन ने मारा। बाघिन ने 13 लोगों को मारा था। उन लोगों की मौत पर किसी का कंठ क्यों नहीं फूटा। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में गडकरी बोल रहे थे। गौरतलब है कि यवतमाल जिले के पांढरकवड़ा व रालेगांव में नरभक्षी होने का कारण बताते हुए अवनी बाघिन को राज्य सरकार ने मरवाया। बाघिन को मारने के लिए हैदराबाद से शूटर लाया गया है।
कोर्ट से दो बार उस बाघिन को पकड़ने के संबंध में आदेश जारी हुआ था। करीब 3 माह तक चले अापरेशन अवनी में राज्य सरकार की ओर से 100 कर्मचारियों का दल जुटा था। हाथी के अलावा अन्य संसाधन लगाए गए थे। बाघिन के मारे जाने पर कई संगठनों ने विरोध जताया। कहा गया कि बाघिन को बेहोश करके पकड़ा जा सकता था। लेकिन उसे जानबूझकर मारा गया। यह भी आरोप लगाया गया कि यवतमाल जिले में रिलायंस समूह को उद्योग लगाने में सहायता दिलाने के लिए बाघिन को मरवाया गया। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने तो वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के इस्तीफे की मांग कर दी। भाजपा की सहयोगी शिवसेना के अलावा राकांपा व कांग्रेस ने बाघिन की हत्या को अनुचित ठहराते हुए सरकार की आलोचना की।
गडकरी ने कहा कि बाघिन की मौत को लेकर जिस तरह राजनीतिक क्षेत्र से प्रतिक्रियाएं आ रही है वह दुखद है। दो तीन दिन से वे स्वयं अस्वस्थ थे लिहाजा इस विषय पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। लेकिन वे राजनीतिक लोगों से आव्हान करते हैं कि वास्तविकता को समझने की कोशिश करे। बाघिन का जिस क्षेत्र में आतंक था वहां आदिवासी परिवार रहते हैं। बाघिन को बेहोश करने का भी प्रयास किया गया था। यह कहना तो और भी हास्यास्पद है कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बाघिन को मारा गया। बाघिन के शिकार लोग किसी उद्योगपति के कार्यकर्ता नहीं थे। कई बार समाज में आतंक व उपद्रव फैलानेवालों को भी मारना पड़ता है। बाघिन को मारने के कारण को समझने की आवश्यकता है। मंत्री मुनगंटीवार के इस्तीफे की मांग तो हास्यास्पद है। मुनगंटीवार ने विदर्भ में बाघ संरक्षण के कार्य में बड़ा योगदान दिया है। बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कराया है। महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में बाघिन को लेकर जो राजनीति होने लगी है वह ठीक नहीं है।