इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया तो 50 हजार रुपये के पेट्रोल की जगह सिर्फ 2000 रुपये की बिजली खर्च करनी होगी- नितिन गडकरी 

इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया तो 50 हजार रुपये के पेट्रोल की जगह सिर्फ 2000 रुपये की बिजली खर्च करनी होगी- नितिन गडकरी 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-19 03:41 GMT
इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया तो 50 हजार रुपये के पेट्रोल की जगह सिर्फ 2000 रुपये की बिजली खर्च करनी होगी- नितिन गडकरी 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, तेल के भाव बढ़े हैं जिससे लोग त्रस्त हो चुके हैं। वहीं, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद भी ऑटोमोबाइल वालों का टर्नओवर कम नहीं हो रहा है। यानी लोग पहले से ज्यादा पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की खरीद कर रहे हैं। गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल जोर देते हुए कहा, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं को देखते हुए लोगों को अब इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि इस समस्या से छुटकारा पाया जा सके। 

गडकरी ने कहा, मैं पिछले करीब 10-12 साल से इस बात पर जोर दे रहा हूं कि पेट्रोल-डीजल वाहनों की जगह एथनॉल का इस्तेमाल होना चाहिए, हमें इलेक्ट्रिक कार इस्तेमाल करनी चाहिए। आज से महज दो साल बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों की बराबर होगी। यानी जहां आप पेट्रोल-डीजल वाहनों पर 50 हजार रुपये खर्च करते हैं। वहां, आपको महज 2 हजार रुपये की बिजली खर्च करनी होगी। इसका असर आपकी जेब पर नहीं पढ़ेगा, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। 

गडकरी ने कहा कि मेरे मंत्रालय के द्वारा जो काम हो रहा है, इसमे हर व्यक्ति का अहम योगदान है। यह हमारे कर्मचारियों की एक उपलब्धि है कि उन्होंने मुंबई दिल्ली हाइवे पर हमने 2.5 किलोमीटर 4 लेन का कंक्रीट रोड 24 घंटे में बनाया है। मुझे लगता है कि ये रिकॉर्ड इसलिए बन रहे हैं क्योंकि हमारे अधिकारी और कॉन्ट्रैक्टर काम कर रहे हैं।

गडकरी ने कहा, पर कभी कभी मेरी भूमिका माता-पिता के जैसे होती है, जैसे वे कहते हैं कि 75 मार्क क्यों मिले, 85 क्यों नहीं मिले? मैं कहता हूं कि एक बार फाइनैंशल ऑडिट न हो चलेगा लेकिन परफॉर्मेंस ऑडिट होना चाहिए। परफॉर्मेंस ऑडिट में जहां कमियां लगती हैं जो काम नहीं करते हैं उन लोगों को मैं जरूर डांटता हूं। उसके पीछे मेरी भावना यही रहती है कि जल्द से जल्द काम हो।

 

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