बुंदेलखंड पैकेज के घोटालेबाजों पर रहम, हाईकोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं, 2100 करोड़ का मामला

बुंदेलखंड पैकेज के घोटालेबाजों पर रहम, हाईकोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं, 2100 करोड़ का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-02 08:23 GMT
बुंदेलखंड पैकेज के घोटालेबाजों पर रहम, हाईकोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं, 2100 करोड़ का मामला

डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बुंदेलखंड पैकेज में गड़बड़ी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। 6 जिला 29 विधानसभाओं में 2100 करोड़ रुपए के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार विजिलेंस ने उजागर किया। 9 विभाग के सैकड़ों कार्यों में मनमानी खुलकर सामने आने के बाद 300 से अधिक जिम्मेदारों पर कार्रवाई का अभाव शासन की भूमिका पर सवाल उठा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के दो साल बाद कैबिनेट ने 12 सितम्बर 2017 को फैसला लिया था कि बुन्देल पैकेज में भ्रष्टाचार करने वालों पर की जाएगी, लेकिन अब तक कार्रवाई सामने नहीं आई। बुंदेलखंड पैकेज में मनमानियों को फलीभूत करने वाले अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र तो जारी हुए, लेकिन इसके बाद कार्रवाई अटक गई। वन विभाग के 31 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ पन्ना जिले में विभागीय जांच की गई। गड़बडिय़ों में संलिप्त होने के कारण आरोप पत्र जारी किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 22 अधिकारी-कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किए गए। पन्ना के अलावा शेष जिलों मे वन विभाग के 34 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच में प्रारंभिक तौर पर अनियमितता का आरोपी पाया गया है। आरोप पत्र जारी हुए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर फाइलें दब गईं।

स्कूटर से 5 टन पत्थर का परिवहन
विजिलेंस द्वारा टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सागर, दमोह और दतिया 6 जिलों के तत्कालीन उप संचालकों पर दायित्व निर्वाह सही नहीं करने का उल्लेख किया गया। इसके बावजूद विभागीय जांच में केवल एक अधिकारी पर कार्रवाई का उल्लेख किया जा रहा है। वर्ष 2013 में की गई वन विभाग की जांच में स्कूटरों के नम्बरों को ट्रक का नम्बर दर्शाकर 5-5 टन के पत्थर ढोने का कार्य किया गया, जो जांच में आया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया।
बुंदेलखंड विकास के लिए मिले थे 3860 करोड़ रुपए बुंदेलखंड पैकेज के रूप में मध्य प्रदेश को 3860 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। स्वीकृत राशि में से सागर जिले में 840.54 करोड़, छतरपुर जिले में 918.22 करोड़, पन्ना जिले में 414.19 करोड़, दमोह जिले में 619.12 करोड़, टीकमगढ़ जिले में 503.12 करोड़ और दतिया जिला में 331 करोड़ रुपए से विकास कार्य किया जाना था। जिसमें 2100 करोड़ रुपए सरकार विभिन्न योजनाओं में खर्च कर चुकी है। इसमें बड़े पैमाने पर कर्ताधर्ताओं की मनमानियां उजागर हुई हैं।

फायदे के लिए दबा दीं फाइलें
मुख्य तकनीकी परीक्षक (विजिलेंस) द्वारा रेंडम आधार पर वन, किसान कल्याण एवं कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पशुपालन  द्यानिकी विभाग की जांच की गई। इसके बाद जांच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग में जमा किया गया। कार्रवाई के लिए इन विभागों प्रतिवेदन भेजा गया, लेकिन विभाग के आला अफसरों ने कार्रवाई करने के बजाय फाइलों को दबाकर रखना फायदेमंद समझा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी भ्रष्टाचार की फाइल
मप्र कांग्रेस पोल खोल अभियान समिति सदस्य पवन घुवारा ने बुंदेलखंड पैकेज में गड़बड़ी और जिम्मेदारों को संरक्षण की फाइल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपी है। गत दिवस रामपुर बघेलन मे राहुल गांधी के साथ ही मप्र के प्रभारी दीपक बावरिया, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह से मुलाकात कर पवनघुवारा ने बुंदेलखंड पैकेज के दस्तावेज राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपे। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड की हालत सुधारने के लिए विशेष पैकेज यूपीए सरकार के समय में दिया गया था।

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