"काम नहीं तो वेतन नहीं" कोरोना संक्रमण स्थिति में उचित नहीं: हाईकोर्ट

"काम नहीं तो वेतन नहीं" कोरोना संक्रमण स्थिति में उचित नहीं: हाईकोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-14 05:05 GMT
"काम नहीं तो वेतन नहीं" कोरोना संक्रमण स्थिति में उचित नहीं: हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। "काम नहीं तो वेतन नहीं" यह तत्व वर्तमान की असाधारण परिस्थिति में यथावत लागू नहीं किया जा सकता।  बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे ने तुलजापुर के तुलजाभवानी देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता मंदिर के सुरक्षा कर्मियों को मार्च, अप्रैल और मई माह का पूरा वेतन ठेकेदार द्वारा अदा किया जाना चाहिए। तुलजापुर के तुलजाभवानी मंदिर में ठेकेदारी तत्व पर सुरक्षा रक्षक कार्यरत हैं। 

 राष्ट्रीय श्रमिक आघाडी ने वर्तमान के कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर में काम को नहीं बुलाने से सुरक्षा रक्षकों द्वारा याचिका दायर की थी। इन सुरक्षा रक्षकों को मार्च व अप्रैल माह का पूरा वेतन अदा नहीं किया और मई माह में काम पर नहीं होने से वेतन अदा करने में असमर्थता दर्शायी थी। पूरा देने की विनती याचिका द्वारा की थी। उस्मानाबाद के जिलाधिकारी इस ट्रस्ट के अध्यक्ष है तो तहसीलदार प्रबंधक प्रशासक हैं। कोरोना संक्रमण के कारण देश के सभी देवस्थान श्रद्धालुओं के लिए बंद किए गए हैं। ऐसी स्थिति में सुरक्षा रक्षक और स्वच्छता कामगारों को उनका कर्तव्य निभाना असंभव है। न्यायालय ऐसे मुद्दों पर असंवेदनशील नहीं रह सकता। इस कारण अगले आदेश तक "काम नहीं तो वेतन नहीं" यह तत्व याचिका के अगले आदेश तक लागू नहीं किया जा सकता। याचिका पर अगली सुनवाई 9 जून को रखी गई है।

 

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