कोरोना से हमारी आदतें ही नहीं लाइफ स्टाइल भी बदल गई

कोरोना से हमारी आदतें ही नहीं लाइफ स्टाइल भी बदल गई

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-01 10:30 GMT
कोरोना से हमारी आदतें ही नहीं लाइफ स्टाइल भी बदल गई

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कोरोना वायरस का काला साया पूरे देश में छाया है। कोरोना के चलते सरकार ने लॉकडाउन किया है। कोरोना से बचने का उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। ऐसे में लोग अपने घरों में रह रहे हैं। कोरोना वायरस के चलते घरों में विभिन्न प्रोफेशन से जुड़े लोगो से चर्चा की, जिसमें सभी ने अपने विचार रखे, उन्होंने बताया कि इस कोरोना ने केवल लोगों की आदतें ही नहीं बदलीं, जीने का तरीका भी बदला। इसके कारण कई तरह के समझौते भी करने पड़े।

सबसे बड़ा रिश्ता इंसानियत का है
पार्श्व गायक एम. ए. कादर ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बहुत शो कैंसल हो गए। म्यूजिक एकेडमी भी बंद है। लेकिन कोरोना वायरस से बचने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है, इसलिए इसका पालन करना जरूरी है। श्री कादर ने बताया कि कोरोना के दौरान उन्होंने बहुत से लोगों की मदद की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। लॉकडाउन के चलते कलाकारों को भी बहुत नुकसान हो रहा है।

पीएम फंड में दिया दान
ड्रेस डिजाइनर मधुबाला सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में वर्किंग पूरी तरह से बंद है। इन दिनों सभी को मुश्किल हो रही है। हमारा स्टाॅफ भी हमारे पर डिपेंड है। इसलिए उनका वेतन भी दे रही हूं। लॉकडाउन में पीएम फंड में दान भी दिया, ताकि जरूरतमंदों को सहायता मिल सके। लॉकडाउन में ये सीख ली कि हम कम में भी अपना गुजारा करें। इन दिनों अनुशासित और हेल्दी जीवन जी रहे हैं। लॉकडाउन में मेड छुट्‌टी पर होने से घर के कामों में परेशानी हो रही है।

प्रकृति के साथ किया खिलवाड़
नागपुर विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग प्रमुख डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में अपना प्रिय कार्य अध्यापन नहीं कर रहा हूं। पीएचडी के विद्यार्थियों को भी मार्गदर्शन नहीं दे रहा हूं। इन दिनों मुझे अध्यापन कार्य से समझौता करना पड़ रहा है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। लॉकडाउन में हमें यह सबक मिल रहा है कि प्रकृति के साथ बहुत खिलवाड़ किया है, तो हमें इस हर्जाना भरना पड़ रहा है।

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