महापौर पर लगे गंभीर आरोप, पद से हटाने शासन ने थमाया नोटिस, 15 दिन में जवाब मांगा

महापौर पर लगे गंभीर आरोप, पद से हटाने शासन ने थमाया नोटिस, 15 दिन में जवाब मांगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-31 17:47 GMT
महापौर पर लगे गंभीर आरोप, पद से हटाने शासन ने थमाया नोटिस, 15 दिन में जवाब मांगा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। नगरनिगम महापौर कांता योगेश सदारंग को राज्य शासन ने पद से हटाने का नोटिस जारी किया है। नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से जारी नोटिस में नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 19-ख के तहत पद से पृथक करने की चेतावनी के साथ महापौर को अपना पक्ष रखने 15 दिन की मोहलत दी गई है। महापौर को दुकानों के कारीडोर की भूमि विक्रय, परिषद के संचालन में प्रक्रिया का पालन न करने और परिषद की बैठक नियमित न बुलाने का उत्तरदायी ठहराया है। शासन ने यह कार्रवाई एक माह पहले  हुई जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। गुरुवार शाम को नगरीय प्रशासन विभाग के उपसचिव राजीव निगम की ओर से जारी नोटिस महापौर कांता योगेश सदारंग को उनके निवास में पहुंचकर तामिल कराया गया। नोटिस के बाद नगरनिगम सहित राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है।
एक माह पहले जांच करने आई थी भोपाल की टीम-
नगरनिगम के कामकाजों की जांच करने के लिए नगरीय प्रशासन विकास विभाग से तीन सदस्यीय दल 28 दिसंबर को पहुंचा था जहां इन सभी बिन्दुओं पर जांच हुई थी। इस टीम ने नगरनिगम के वित्तीय प्रबंधन, योजनाओं की राशि के सही क्रियान्वयन, परिषद तथा महापौर परिषद के कार्य संचालन की वैधानिक प्रक्रिया के क्रियान्वयन, प्रत्यायोजित वित्तीय शक्तियों का प्रयोग, नवीन लेखा नियमों का पालन सहित अन्य बिन्दुओं में जांच की थी। जांच के दौरान नगरपालिक निगम के कार्यकाल में स्वीकृत हुए अन्य कामों की जांच भी की थी।
अभी एक साल का कार्यकाल शेष-
वर्ष 2015 में छिंदवाड़ा नगरनिगम का गठन हुआ था। 18 फरवरी को नगरनिगम परिषद का पहला सम्मेलन हुआ था। इस लिहाज से परिषद के चार साल 18 फरवरी को पूरे हो जाएंगे। निगम महापौर के तौर पर कांता सदारंग भी अपने चार साल पूरे करेंगी। एक साल का कार्यकाल अभी शेष है। प्रदेश की सत्ता बदलने के बाद अब आंच निगम महापौर पर आई है। एक माह पहले शासन के एक दल ने यहां आकर जांच की थी। इसके बाद अब महापौर को नोटिस दिया गया है।
महापौर पर ये आरोप...
1. पालिका मार्केट और इतवारी बाजार में दुकानों के सामने का कारीडोर बढ़ाकर की जमीन बेची।
2. परिषद तथा महापौर परिषद के कार्य संचालन की वैधानिक प्रक्रिया के क्रियान्वयन नियमानुसार नहीं किया गया।
3. नियमानुसार परिषद की बैठक नहीं कराई गई है। इसके लिए पार्षदों के लिखित आवेदन देने के बावजूद कार्रवाई नहीं।
इनका कहना है
- मुझे बुधवार देर शाम नोटिस मिला है जिसके बाद हम निर्धारित समय पर इसका जवाब दिया जाएगा। सभी काम नियमानुसार किए गए हैं।
- कांता योगेश सदांरग, महापौर

- भाजपा शासन में नगरनिगम ने कई आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं। ऐेसे बहुत से काम है जहां भारी गोलमाल हुआ है इनकी जांच हो रही है।
-दीपक सक्सेना, विधायक

- नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से नोटिस आया था, जिसे महापौर को तामिल कराया गया है।
- इच्छित गढ़पाले, आयुक्त नगरनिगम  

- नोटिस मिलने की जानकारी नहीं है। ऐसी कार्रवाई राजनीतिक द्वेष के कारण की जा रही है। पूरे प्रदेश के ऐसे ही हाल हैं।
- नरेन्द्र राजू परमार, भाजपा जिलाध्यक्ष

 

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