निर्मल नगरी की जब्त संपति बेचने के प्रकरण में जिलाधिकारी को नोटिस

निर्मल नगरी की जब्त संपति बेचने के प्रकरण में जिलाधिकारी को नोटिस

Anita Peddulwar
Update: 2021-07-29 10:03 GMT
निर्मल नगरी की जब्त संपति बेचने के प्रकरण में जिलाधिकारी को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। निर्मल नगरी की जब्त संपत्ति को बेचने के मामले में उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने जिलाधिकारी व डेवलपर्स को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि महारेरा में पंजीकरण के बगैर निर्मल नगरी विकसित करने के मामले में महारेरा ने डेवलपर्स पर 6 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। दंड न भरने पर यह संपत्ति जब्त कर ली गई थी। जब्ती की कार्रवाई के बावजूद डेवलपर्स द्वारा तीन फ्लैट बेच दिए गए। मामले की शिकायत मिलने के बावजूद जिलाधिकारी ने डेवलपर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में निर्मल नगरी कंडोमिनिनियम के अध्यक्ष प्रफुल्ल करपे ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसको संज्ञान में लेते हुए बुधवार को न्यायमूर्तिद्वय दीपांकर दत्ता व अतुल चांदूरकर ने जवाब तलब किया है।

16 करोड़ का जुर्माना
याचिकाकर्ता के मुताबिक निर्मलनगरी में लगभग 40 रो-हाउस व 600 से अधिक फ्लैट्स हैं। इस निर्माणकार्य का महारेरा में पंजीकरण नहीं किए जाने की शिकायत यहां के निवासियों द्वारा की गई थी, जिसके बाद 4 जनवरी-2019 को महारेरा द्वारा डेवलपर्स पर 6 करोड़ रुपए का दंड लगाया गया। जुर्माना अदा नहीं होने पर महारेरा द्वारा 16 अक्टूबर 2019 को निर्मल नगरी की संपत्ति जब्त करने के आदेश जिलाधिकारी को दिए गए। संपत्ति जब्त किए जाने के बावजूद डेवलपर्स द्वारा तीन फ्लैट की बिक्री की गई है। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. अतुल पाठक ने पैरवी की।

 

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