अब पारंपरिक पाठ्यकमों में भी मिलेंगे अतिरिक्त "क्रेडिट'

अब पारंपरिक पाठ्यकमों में भी मिलेंगे अतिरिक्त "क्रेडिट'

Anita Peddulwar
Update: 2021-04-08 06:53 GMT
अब पारंपरिक पाठ्यकमों में भी मिलेंगे अतिरिक्त "क्रेडिट'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय बीए, बी.कॉम, बीएससी जैसे पारंपरिक पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को तय पाठ्यक्रम के अलावा कौशल विकास से संबंधित सर्टिफिकेट व डिप्लोमा पाठ्यक्रम पढ़ने का भी विकल्प देगा। ये अतिरिक्त कोर्स यूजीसी द्वारा निर्धारित "स्वयं" व अन्य ऑनलाइन पोर्टल पर विद्यार्थी पढ़ सकेंगे। जो विद्यार्थी सफलतापूर्वक यह अतिरिक्त पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कर लेंगे, विश्वविद्यालय उन्हें अतिरिक्त क्रेडिट देकर अंकसूची पर इसका उल्लेख करेगा। डिग्री पूरी होने के बाद विद्यार्थियों नौकरी व अन्य विषयों में इसका फायदा मिलेगा। जल्द ही विश्वविद्यालय अपनी एकेडमिक काउंसिल में यह प्रस्ताव रखने जा रहा है। इस फैसले पर मुहर लगना लगभग तय बताया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों से केंद्र सरकार ने कौशल विकास आधारित शिक्षा पर जोर दिया है। इसके  लिए स्वयं और अन्य प्रकार के ऑनलाइन पोर्टल पर कई पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं। नागपुर यूनिवर्सिटी ने अपने विद्यार्थियों को नियमित पाठ्यक्रम के साथ-साथ ये अतिरिक्त पाठ्यक्रम भी पढ़ने की सुविधा दी है। अब तक इंजीनियरिंग जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में इस प्रकार की सुविधा थी, लेकिन अब पारंपरिक पाठ्यकमों के विद्यार्थियों का भी इसका लाभ दिया जाएगा। प्रत्येक अतिरिक्त पाठ्यक्रम के लिए 3 से 4 क्रेडिट विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को 12 से 14 क्रेडिट प्राप्त करना जरूरी होगा। दरअसल, पारंपरिक पाठ्यक्रम के बाद विद्यार्थियों को नौकरी मिलना कठिन होता है। ऐसे में यूनिवर्सिटी की मंशा है कि विद्यार्थियों के पास पारंपरिक पाठ्यक्रम के अलावा अतिरिक्त ज्ञान हो, तो उन्हें कैरियर में इसका फायदा मिलेगा। यदि यह अतिरिक्त पाठ्यक्रम विद्यार्थी के नियमित पाठ्यक्रम से संबंधित है, तो ‘मेजर"  या पाठ्यक्रम से संबंधित न हो तो "मायनर" डिग्री विद्यार्थियों को दी जाएगी। 
 

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