अब बिहार संचालनालय का पाठ्यक्रम अपनाएगा नागपुर यूनिवर्सिटी, अब सिलेबस में एनसीसी भी

अब बिहार संचालनालय का पाठ्यक्रम अपनाएगा नागपुर यूनिवर्सिटी, अब सिलेबस में एनसीसी भी

Anita Peddulwar
Update: 2021-07-14 08:35 GMT
अब बिहार संचालनालय का पाठ्यक्रम अपनाएगा नागपुर यूनिवर्सिटी, अब सिलेबस में एनसीसी भी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का फैसला लिया है। एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एनसीसी के बिहार संचालनालय ने इस दिशा में पहले ही एक मॉडल सिलेबस तैयार किया है। विश्वविद्यालय इसी सिलेबस को अपनाने का विचार कर रहा है। विवि की आगामी एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। इस पाठ्यक्रम में कैडेट्स को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी। प्राथमिक विचार के रूप में एनसीसी का पेपर कुल 100 अंकों का होगा, जिसमें से 80 अंक प्रैक्टिकल और 20 अंक थ्योरी के लिए रखे गए हैं। विश्वविद्यालय विद्यार्थी कल्याण विभाग संचालक डॉ.अभय मुद्गल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

ऐसे हुई पहल
बता दें कि देश के रक्षा विभाग ने केंद्र सरकार को यह सिफारिश की थी। विशेष रूप से सीमावर्ती राज्यों में इस प्रकार का उपक्रम शुरू करने की सिफारिश थी। इसमें कैडेट्स को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग देकर सशक्त बनाने का सुझाव था। सर्वप्रथम वर्ष 2015 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक सम्मेलन में एनसीसी को पाठ्यक्रम के इलेक्टिव विषय के रूप में शामिल करने का फैसला हुआ था। अंतत: इसे लागू करने में पांच वर्ष का समय लगा। यूजीसी ने इस संबंध में विश्वविद्यालय को परिपत्रक जारी कर एनसीसी को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। वहीं कुछ ही दिनों पूर्व प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कुलगुरुओं की एक बैठक में भी ऐसे निर्देश दिए थे, जिसके बाद नागपुर विवि ने इस दिशा में काम शुरू किया है।

ऐसा है मॉडल पाठ्यक्रम 
एनसीसी ने स्वयं अपना कोर्स डिजाइन किया है। सभी विश्वविद्यालयों में यह एक जैसा रहेगा। 
6 सेमेस्टर के अपने पाठ्यक्रम में विद्यार्थी कुल 24 क्रेडिट एनसीसी से प्राप्त कर सकेंगे। 
विभाजन के अनुसार थ्योरी के 8, प्रैक्टिल के 6 और कैंप के 10 क्रेडिट तय किए गए हैं। 

तैयारी जारी है
एनसीसी के प्रति युवाओं का खासा आकर्षण रहता है। यदि एनसीसी को पाठ्यक्रम का ही हिस्सा बना लिया जाए तो यह विद्यार्थी और समाज दोनों के लिए फायदेमंद होगा। इसी को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय ने ऐसी तैयारी शुरू की है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के बाद उच्च शिक्षा मंत्री महोदय के साथ हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। इस पर विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल को अंतिम फैसला लेना है।  - डॉ.अभय मुद्गल, संचालक विद्यार्थी कल्याण विभाग, नागपुर  

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