अब राज्य शिक्षा मंडल विद्यार्थियों को बताएगा ‘क्या खाएं, क्या न खाएं’

अब राज्य शिक्षा मंडल विद्यार्थियों को बताएगा ‘क्या खाएं, क्या न खाएं’

Tejinder Singh
Update: 2018-07-29 10:55 GMT
अब राज्य शिक्षा मंडल विद्यार्थियों को बताएगा ‘क्या खाएं, क्या न खाएं’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू होने में काफी वक्त है। कई विद्यार्थियों के लिए पढ़े हुए टॉपिक को याद रखना तथा शरीर व दिमाग को तरोताजा रखना चुनौतीपूर्ण बन जाता है। संतुलित, समयबद्ध व योजनाबद्ध भोजन के जरिये इस चुनौती से आसानी से निपटा जा सकता है। बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों का आहार और दिनचर्या कैसी हो, अब ये गाइडलाइन जारी करेगा राज्य शिक्षा मंडल।

इस गाइडलाइन को जारी करने का प्रमुख उदेश्य विद्यार्थियों को नकल मुक्त परीक्षा के लिए प्रेरित करना है। इस दौरान शिक्षक, पालक व बालक, तीनों की काउंसलिंग होगी। परीक्षा के समय में क्या खाएं और क्या न खाएं और टेंशन मुक्त कैसे रहें,  ये भी मंडल बताएगा। ज्ञात हो कि, अब तक शिक्षा मंडल इस तरह की गाइडलाइन नहीं देता था। इस वर्ष यह निर्णय लिया गया है कि, इस वर्ष से परीक्षा के समय विद्यार्थी टेंशन मुक्त कैसे रहें, क्या खाएं क्या ना खाएं, कब पढ़ाई करें और कब पढ़ाई न करें और कितनी देर पढ़ाई करें, यह बताएगा।

नकल रोकने के लिए होंगे सम्मेलन
ऐसा नकल के खिलाफ विद्यार्थियों, पालकों और शिक्षकों में जागृति आए, इसलिए बोर्ड आगामी समय में विभाग से लेकर तहसील स्तर पर सम्मेलन करने वाला है। हाल ही में पुणे में राज्यस्तरीय सम्मेलन हुआ, जिसमें राज्य शिक्षा मंडल अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को बोर्ड की इस नई योजना की जानकारी दी। इस बैठक में राज्यमंडल व सर्व विभागीय मंडल के अध्यक्ष, सचिव, सह सचिव , राज्यस्तरीय मुख्यापधापक व कनिष्ठ महाविद्यालय संघ के पदाधिकारी, प्राचार्य, शिक्षक , पालक व विद्यार्थी शामिल हुए। अगस्त महीने में विभागीय स्तर पर यह सम्मेलन होगा, जिसमें विभागीय शिक्षा उप-संचालक, प्राचार्य, डाएट, विभागीय मंडल के अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे।

इसी तरह जिला और तहसील स्तर पर यह सम्मेलन होंगे। इसमें बोर्ड बताएगा की नकल करने के क्या गंभीर परिणाम हो सकते हैं। परीक्षा के  दौरान नकल क्यों नहीं करनी चाहिए। इसके लिए राज्य, जिला और तहसील स्तर पर कार्य होगा। यह विद्यार्थियों, पैरेंटस और शिक्षकों के लिए होगा। छात्रों को विभिन्न तरीकों से यह समझाएगें कि नकल मुक्त परीक्षा कैसे दें। विद्यार्थियों को परीक्षा के दाैरान उनकी दिनचर्या कैसी हो, यह भी बताया जाएगा।

नकल मुक्त परीक्षा के लिए होगी कांउसलिंग
रविकांत देशपांडे, विभागीय अध्यक्ष राज्य शिक्षा मंडल के मुताबिक इस गाइडलाइन को जारी करने का प्रमुख उद्देश्य नकल मुक्त परीक्षा के लिए प्रेरित करना है। इस दौरान शिक्षक, पालक व बालक, तीनों की काउंसलिंग होगी। वहीं बाेर्ड की परीक्षा को नकलमुक्त इसका प्रमुख उदेश्य है। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि, विद्यार्थी का नकल से बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। परीक्षा के दौरान विद्यार्थी कैसे स्ट्रेस फ्री रह सकते हैं। उनकी डाइट में क्या होना चाहिए और उनका क्या रूटीन हो। हम इसके लिए तहसील, जिला व राज्य स्तर पर काउंसलिंग करेंगे। 

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