अब शिवसेना का मोह छोड़ती दिख रही है भाजपा, चुनावी समर की तैयारी
अब शिवसेना का मोह छोड़ती दिख रही है भाजपा, चुनावी समर की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना के तल्ख होते तेवर के बाद अब भाजपा भी अपने स्तर पर चुनावी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा नेेतृत्व ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को निर्देश दिया है कि शिवसेना के बिना भी चुनावी समर में जाने की तैयारी रखें। इसके लिए प्रदेश के सामाजिक संगठनों और दूसरे दलों के प्रभावी नेताओं से संपर्क बढ़ाने पर पार्टी का जोर है। हालांकि भाजपा की कोशिश अंतिम क्षण तक शिवसेना को अपने साथ रखने की है।
झटके को कम करने की कोशिश में है भाजपा
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री फड़नवीस से अलग से महाराष्ट्र की सियासी हालात पर चर्चा की है। उत्तरप्रदेश के बाद पार्टी की सबसे बड़ी चिंता महाराष्ट्र की है जहां लोकसभा की 48 सीटें हैं। भाजपा मानती है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के बीच गठबंधन तय होने और शिवसेना के राजग से छिटकने के बाद भाजपा को तगड़ा झटका लग सकता है। लिहाजा इस झटके को कम करने की कवायद जारी है। सूत्र बताते हैं कि शाह ने देवेन्द्र फड़नवीस से कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार की प्रभावी योजनाओं को जमीन पर ढंग से लागू करने पर तो जोर होना ही चाहिए, साथ ही प्रदेश के प्रभावी सामाजिक संगठनों को साथ लाने की भी कोशिश होनी चाहिए। इसके लिए वैसे सामाजिक संगठनों की पहचान करनी होगी जो चुनाव में भाजपा के पक्ष में हवा बनाने में मदद कर सकें। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि लोगों को प्रभावित करने में सामाजिक संगठनों की भूमिका अहम होती है। लिहाजा पार्टी ने ऐसे संगठनों की पहचान करके उनकी मदद लेने की रणनीति बनाई है।
दूसरे दलों के नेता भी हैं निशाने पर
शिवसेना के एकला चलने की बार बार की धमकी के मद्देनजर भाजपा ने अब शेष सहयोगी दलों के साथ चुनावी समर जाने का मन बना लिया है। लोकसभा चुनाव में जीत की राह आसान बनाने में जुटी भाजपा के निशाने पर कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के कुछ प्रभावी चेहरे भी हैं। सूत्र बताते हैं कि इन दलों के कई असंतुष्ट नेता मुख्यमंत्री फड़नवीस के संपर्क में हैं। इस काम मंे पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद नारायण राणे फड़नवीस की विशेष मदद कर रहे हैं।