अब संक्रमण का खतरा टला, बिना छुए ही चलेगी नागपुर की यह लिफ्ट
अब संक्रमण का खतरा टला, बिना छुए ही चलेगी नागपुर की यह लिफ्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऊंची-ऊंची इमारतों में लिफ्ट का उपयोग खूब होता है। कोरोना काल में संक्रमण की भी बातें सामने आने लगीं। ऐसी ही एक इमारत में नागपुर के इंजीनियर व्यवसायी भी परिवार सहित रहते हैं। लॉकडाउन में घर में जब कैद हुए तो फुर्सत से नई चीजों के बारे में सोचने का मौका मिला। इसमें उनको साथ मिला इंजीनियरिंग कर रहे उनके बेटे का। उन्होंने लिफ्ट के लिए ऐसे बटन बनाए, जिसे बिना छुए ही संचालित किया जा सकता है। सेंसर के माध्यम से ये बटन काम करते हैं। इतना ही नहीं, लिफ्ट में नीचे नए बड़े-बड़े बटन लगा दिए गए, जो पैरों से संचालित होते हैं। इससे लिफ्ट के माध्यम से संक्रमण का खतरा पूरी तरह टल गया। इस काम से सिर्फ उनका परिवार ही नहीं, उस इमारत में रहने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
कच्चा माल मुंबई से मंगाया
सूर्यनगर निवासी सुनील कुमार हेलीवाल (50) कारोबारी हैं। उनका कोल्ड स्टोरेज सहित स्टोन क्रेशर का काम है। उन्होंने इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की है। उनका बेटा सुमित कुमार हेलीवाल (21) फिलहाल इंजीनियरिंग कर रहा है। लॉकडाउन में सुनील और बेटे को काफी समय साथ में बिताने का मौका मिला। पिता-पुत्र ने सोचा कि लिफ्ट के बटन को छूने से संक्रमण की बातें हो रही हैं। ऐसा इंतजाम कर दिया जाए कि हाथ से छूने की ही जरूरत न पड़े। मुंबई से कच्चा माल मंगाया और नए काम में जुट गए। इसके परिणाम भी सामने आए।
बस बटन के सामने उंगली रखिए
सुनील कुमार जिस भवन में रहते हैं, वह पांच मंजिला है। लिफ्ट के बटन को बदलकर उसमें सेंसर लगाया गया। साथ ही, पैरों से संचालित होने वाले बटन नीचे लगाए। अब बिना छुए ही लिफ्ट का संचालन हो रहा है। बटन के सामने उंगली जाते ही सेंसर काम करता है। पिछले 15 दिन से लिफ्ट इसी तरह चल रही है। लिफ्ट के लिए इतना सबकुछ करने में करीब एक-डेढ़ माह का समय लगा है।
पैसा कमाना मकसद नहीं, सुरक्षा है कारण
सुरक्षा कारणों से लिफ्ट संचालन की नई पद्धति विकसित करनी पड़ी। यह सब पैसा कमाने के लिहाज से नहीं किया गया। अब खुशी है कि हमारे साथ ही इस भवन में रहने वाले सभी लोग सुरक्षित हैं। खर्च भी मात्र 50-60 हजार रुपए आया है। -सुनील कुमार, लिफ्ट को पैर और सेंसर से संचालित करने वाले