अब सड़क दुर्घटनाओं को रोकने आईआरएडी एप की मदद ली जाएगी

अब सड़क दुर्घटनाओं को रोकने आईआरएडी एप की मदद ली जाएगी

Anita Peddulwar
Update: 2021-06-21 06:04 GMT
अब सड़क दुर्घटनाओं को रोकने आईआरएडी एप की मदद ली जाएगी

डिजिटल  डेस्क, नागपुर।  नागपुर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में आईआरएडी (इंटेग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस) एप की मदद ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी की पहल पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इस बहुप्रतीक्षित योजना के तहत 15 मार्च से देश के 6 चुनिंदा राज्यों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें नागपुर भी शामिल है। नागपुर के पुलिस लाइन टाकली स्थित अलंकार सभागृह में शहर के 33 थानों के 192 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को विधिवत प्रशिक्षण दिया गया। 

अगला लक्ष्य यह
प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी-कर्मचारी को हाइवे पुलिस, अस्पताल, थाना और आरटीओ से मिली जानकारी को भी फीड करना होगा। आने वाले समय में बीमा कंपनियों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

नागपुर 5वें स्थान पर 
 इस योजना के तहत डाटा फीड करने में नागपुर पहले काफी पीछे था, लेकिन अब पांचवें नंबर पर आ गया है। नागपुर पुलिस ने अब तक 102 सड़क हादसों की जानकारी का डेटा फीड किया है। 

देश के 59 जिलों में प्रशिक्षण 
महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के कुल 59 जिलों में प्रशिक्षण का प्राथमिक चरण पूरा होने को है। नागपुर यातायात पुलिस विभाग के अधिकारी हनुवंत उरलागोंडावार ने बताया कि महाराष्ट्र के नागपुर, नासिक सहित 10 जिलों में प्राथमिक स्तर पर इसकी शुरूआत 
की गई है। 

योजना यह है 
सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़े जुटाने और उनका विश्लेषण करने में मदद मिलेगी। 
मंत्रालय उपलब्ध डेटा की मदद से उपाय योजना तैयार कर सड़क दुर्घटनाओं को कम करेगा। 
रिकार्ड के आधार पर विशेषज्ञ टीम हादसे का कारण और उसका सही समाधान तय करेगी।  

हर थाने के 5 अधिकारी-कर्मचारी 
शहर यातायात पुलिस विभाग के अधिकारी उरलागोंडावार ने बताया कि आईआरएडी एप का प्रशिक्षण लेने के लिए शहर के 33 थानों में से हर थाने के 5 अधिकारी- कर्मचारी को प्रशिक्षित किया गया है। इस योजना के लिए तैयार किया गया आईआरएडी एप को आईआईटी चेन्नई ने डेवलप किया है। इस एप का कंट्रोलिंग पुणे से होगा। हर सडक दुर्घटना का डेटा फीड करने के बाद उसका बकायदा पासवर्ड रहेगा। थाने में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक इस योजना का फील्ड ऑफिसर होगा। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक इस एप का थाना स्तर पर एडमिन होगा। 

ब्लैक स्पॉट भी चिह्नित
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय की पहल पर एक नई परियोजना तैयार की गई है। इस परियोजना का नाम है एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (इंटीग्रेटेडेट रोड एक्सीडेंट डाटाबेस), जिसके तहत आईआईटी चेन्नई और एनआईसी की मदद से एक ऐप तैयार की गई है। इस ऐप में सभी ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे। साथ ही, उन एरिया में हादसों की वजह जान कर उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा, देशभर में होने वाले सड़क हादसों का भी विश्लेषण किया जाएगा। यह ऐप एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। नेशनल इन्फारमेटिक सेंटर (एनआईसी) के अधिकारी हरीश अय्यर और नितेश तायवाडे ने पुलिस थाने में दाखिल होनेवाले प्राणांतिक, गंभीर, मामूली और बिना खरोंच के आईआरएडी एन्ड्राइड एप में कैसे जानकारी भरें, इस बारे में प्रशिक्षित किया।

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